विल्लुपुरम में तप अभिनंदन समारोह
तमिलनाडु का छोटा सा क्षेत्र है विल्लुपुरम, जहां पर श्रद्धा के मात्र 16 परिवार है और पहला ही चातुर्मास। लोगों का उत्साह मानो आकाश को छुता हुवा सा प्रतीत होता है।
साध्वीश्री उज्जवलप्रभा ने दूसरे मासखमण तप अभिनन्दन के कार्यक्रम में अपने मंगल उद्बोधन में फरमाया तेयुप कर्मठ कार्यकर्ता पवन कुमार सुराणा ने मासखमण किया है। विल्लुपूरम में संपूर्ण जैन समाज का भाइयों में प्रथम मासखमण है। पवन सुराणा ने ना केवल नाम चमकाया है, बल्कि अपना जीवन भी चमकाया है। तपस्या अभ्युत्थान का मार्ग है। जीवन की प्रक्रिया है। तपस्या धीर व्यक्ति ही कर सकता है, धैर्य के साथ अगर निर्जरा का लक्ष्य होता है, तो व्यक्ति अचिंतन्य लाभ प्राप्त कर लेता है।
कार्यक्रम का शुभारम्भ वलवनूर महिला मंडल के मंगल संगान से हुआ। तेरापंथ सभा की ओर से प्रेम सुराणा, महिला मंडल से चंचल सेठिया, तेयुप से निखिल भंडारी ने अपने विचार रखे। साध्वीश्री अनुप्रेक्षाश्री ने कहा तपस्या से केवल औदारिक शरीर ही नहीं, तेजस और कार्मण शरीर भी प्रकंपित होते हैं।
तेजस शरीर जागृत होता है तब आभामंडल निर्मल बनता है, आत्मा उज्जवल बनती है। साध्वीश्री सन्मतिप्रभा ने कहा तप के उद्धार मन में पवित्रता का, वाणी में सत्य का तथा शरीर में स्थिरता का विकास होता है।
विल्लुपूरम कन्या मंडल एवं महिला मंडल ने भावपूर्ण गीत प्रस्तुत किया। तपस्वी पवन सुराणा के ननिहाल की बहनों ने गीत प्रस्तुत किया। पवन के छोटे पुत्र एवं पुत्रियों दृश, धृति और युति ने रोमांचक एवं भावपूर्ण प्रस्तुति दी। ललिता बाई सुराणा ने मंगल कामना व्यक्त की। बहनें अनु हिंगड, वर्षा धोका ने गीत गाकर भाई का अभिनंदन किया।
अभातेयुप के बारह व्रत संयोजक विकास सेठिया, पांडिचेरी से हेमराज कुंडलिया, मूर्तिपूजक संघ के अध्यक्ष राजेंद्र नाहर , श्री सुस्वाणी माता ट्रस्ट के ट्रस्टी पुखराज बडोला ने अपने विचार रखें। साध्वीप्रमुखाश्री कनकप्रभा का संदेश वाचन महेंद्र धोका, अभिनंदन पत्र का वाचन सुरेंद्र बडोला, आभार ज्ञापन मंत्री राजेश सुराणा एवं कार्यक्रम का कुशल संचालन समता सुराणा ने किया।
स्वरुप चन्द दाँती
प्रचार प्रसार प्रभारी
श्री जैन श्वेताम्बर तेरापंथी सभा, चेन्नई