तपस्याओं का बह रहा निरन्तर झरना
आचार्य श्री महाश्रमणजी की विदूषी सुशिष्या साध्वीश्री उज्जवलप्रभा के सान्निध्य में कन्या मंडल बालिका सुश्री यशस्वी सेठिया के 11 उपवास का तप अभिनंदन समारोह आयोजित किया गया।
साध्वीश्री उज्जवलप्रभा ने अपने मंगल उद्बोधन में कहा – तप से ही होता है, अभिनव शक्ति का संचार। जिस प्रकार दावानल के बिना कोई वन को जला नहीं सकता, मेघ के बिना दावानल को कोई बुझा नहीं सकता और पवन के बिना मेघ को कोई छिन्न-भिन्न नहीं कर सकता, उसी प्रकार पूर्व संचित कर्मों को तप के सिवाय कोई क्षीण नहीं कर सकता। मूर्तिपूजक संघ के पुजारी श्रीमान निर्मलजी ने भी 11 उपवास के तप का प्रत्याख्यान किया।
तप अनुमोदन के अन्तर्गत साध्वी सन्मतिप्रभाजी ने कहा कि तप से व्यक्ति अपनी आत्मा के भीतर तल तक पहुंचे और अपनी आत्मा की उज्जवलता को प्राप्त करें। कन्या मंडल प्रतिनिधि दिशा बाफणा ने तप अभिनंदन समारोह का शुभारंभ मंगलाचरण द्वारा किया। तेरापंथ सभा के मंत्री राजेश सुराणा, महिला मंडल की मंत्री श्रीमती स्नेहा भण्डारी व कन्या मंडल से आरती सुराणा ने अपने वक्तव्य द्वारा तप की अनुमोदना की। महिला मंडल एवं कन्या मंडल की बहनों ने गीतिका की प्रस्तुति दी।
तपस्वी के परिवार से चंचल सेठिया, ममता सुराणा, भव्या सेठिया, चुकीबाई कोठारी, रेहा सेठिया, चंदना चोपड़ा, सुमन बांठिया, उषा बड़ौला एवं रेखा सिसोदिया ने अपने भावों की अभिव्यक्ति दी। आज साध्वीश्री के सान्निध्य में श्रीमती ललिता सुराणा ने 10 उपवास, श्रीमती संतोष सुराणा ने 9 उपवास, भव्या सेठिया ने 20 एकासन के प्रत्याख्यान किए। तपस्विनी बहन को तप अनुमोदन पत्र प्रेमजी सुराणा ने भेंट किया। तपस्वी का बहुमान साहित्य द्वारा श्रीमती स्नेहा भंडारी ने किया।
पर्युषण काल में श्रीमती राखी सुराणा, श्रीमती प्रभा सुराणा, श्रीमती कौशल्या सुराणा ने अठाई एवं 9 उपवास की तपस्या को पूर्ण किया। सभी तपस्वियों को सभा का ओर से बहुमान किया गया। तिण्डीवनम के श्रावक उत्तमचंद आंचलिया ने सभी से क्षमायाचना करते हुए अपने भावों की अभिव्यक्ति दी। तेरापंथ सभा अध्यक्ष जवरीलाल सुराणा ने आभार ज्ञापन किया एवं कार्यक्रम का कुशल संचालन अंजली सुराणा ने किया।
स्वरुप चन्द दाँती
प्रचार प्रसार प्रभारी
श्री जैन श्वेताम्बर तेरापंथी सभा, चेन्नई