तीन सगे भाई-बहनों ने अठाई करके साध्वीश्री को दी तप की भेट जैविभासं के कुलपति ने किये दर्शन
साध्वी अणिमाश्री के सान्निध्य में तेरापंथ भवन में तीन सगे भाई-बहनों की अढाई तप अनुमोदना का कार्यक्रम आयोजित हुआ। साध्वी अणिमाश्री ने अपने प्रेरक उद्बोधन में कहा मोक्ष के चार मार्ग में से एक है – तप। जो साधक तप में तपता है, वह कुन्दन बनकर निखरता है। तप अमृत का पान करने वाला, अमरत्व की दिशा में आगे बढ़ता है। तप से आत्मा पावन व निर्मल बनती है।
कोई भी व्यक्ति अपने दृढ़ मनोबल, अटूट संकल्पबल एवं पारिवारिक सहयोग से ही तप के पथ पर गतिमान बन सकता है। चौदह वर्षीय बालिकाएं सुश्री रुचिका भटेरा एवं रितिका भटेरा तथा सोलह वर्षीय बालक कुणाल भटेरा तीनों सगे भाई बहनों ने एक साथ अठाई कर नव इतिहास रचाया है।
माँ मोनिका एवं पिता विनीत भटेरा का अच्छा सहयोग रहा है तभी बच्चे तप के रथ पर चढ़ पाए हैं। हम यही मंगलकामना करते हैं कि आगे भी तप के क्षेत्र में गति प्रगति करते रहे एवं नए कीर्तिमान बनाएं। साध्वी कर्णिकाश्री, साध्वी सुधाप्रभा, साध्वी समत्वयशा एवं साध्वी मैत्रीप्रभा ने तप अनुमोदना गीतका संगान कर तपस्वियों के तप की वर्धापना की।
तेरापंथ सभा मंत्री गजेन्द्र खांटेड़ ने कहा – भटेरा कुल में गुरु कृपा एवं साध्वीश्रीजी की प्रेरणा से एक साथ तीन अठाई तप के फूल खिले हैं। इन तप फूलों की मोहक सुरभि से पूरा परिकर सुरभित हो रहा हैं। तेरापंथी सभा की ओर से साहित्य और अभिनन्दन पत्र द्वारा तपस्वियों का तप अभिनंदन किया गया।
जैविभासं के कुलपति का सम्मान
जैन विश्व भारती संस्थान (मान्य विश्वविद्यालय) लाडनूँ, राजस्थान के माननीय कुलपति प्रो. बच्छराज दूगड़ मध्याह्न में साध्वी अणिमाश्री एवं साध्वीवृन्द के दर्शन किए एवं संस्थान की वर्तमान गतिविधियों से अवगत करवाया।
इस अवसर पर जैन श्वेताम्बर तेरापंथी सभा ट्रस्ट बोर्ड, साहुकारपेट के प्रबंधन्यासी सुरेश नाहर, तेरापंथ सभा निवर्तमान अध्यक्ष विमल चिप्पड़ एवं संघीय संस्थाओं के गणमान्य व्यक्तियों ने कुलपति का स्वागत एवं सम्मान किया और जैन विश्व भारती संस्थान की वर्तमान गतिविधियों एवं भावी परियोजनाओं को संस्थागत एवं व्यक्तिगत स्तर पर प्रमुख रूप से प्रचारित-प्रसारित करने के संदर्भ में अपना चिंतन प्रस्तुत किया।
स्वरुप चन्द दाँती, प्रचार प्रसार प्रभारी
श्री जैन श्वेताम्बर तेरापंथी सभा, चेन्नई