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तप में अचिंत्य शक्ति होती है: मुनि रमेश कुमार

तप में अचिंत्य शक्ति होती है: मुनि रमेश कुमार
शांतिदूत आचार्य महाश्रमण जी के सुशिष्य मुनिश्री रमेश कुमार जी के सान्निध्य में ट्रिप्लीकेन स्थित तेरापंथ भवन में आज ध्यान दिवस एवं तप अनुमोदना का अनूठा कार्यक्रम हुआ। तपस्वी श्रीमती कविता बम्बोली ने नो दिन के , श्रीमती रीमा बम्बोली , श्रीमती ममता मरलेचा,  सुश्री नम्रता बम्ब, सुश्री सुरक्षा कटारिया,  विनोद जी बोहरा , सौरम संचेती, सागर संचेती ने आठ दिन के तप प्रत्याख्यान किये। इसके अतिरिक्त बहुत से तपस्वियों के तपस्या चल रही है । 
तपस्या के स्वरूप को समझाते हुए मुनि रमेश कुमार जी ने कहा- तप में अचिंत्य शक्ति होती है। उस शक्ति को वे तपस्वी प्राप्त करते हैं जो तपस्या कषाय , विषय-वासना से विरक्त होकर करे । केवल भूखा रहना तप नहीं है।
तपस्या से कर्म शरीर को प्रकंपित किया जाता है । ऐसे तप से कर्मों से मलिन आत्मा शुद्ध होती है। तेजस्विता बढती जाती है । सभी तपस्वियों को आपने उत्साह के साथ प्रत्याख्यान करायें । उपस्थित हजारों भाई बहनों ने ओम अर्हम् की करतल ध्वनि से अभिनंदन किया । 
मुनि सुबोध कुमार जी ने  ध्यान और तप के महत्व को समझाते हुए कहा- ध्यान साधना से व तप आराधना से मन के दूषण दूर होते हैं । हमारी आत्मा अनन्त शक्ति का भंडार है। पर्युषण पर्व पर तप, जप ध्यान के द्वारा उस शक्ति का साक्षात्कार करने का प्रयास किया जाता है। एकाग्रपूर्वक श्वास को संयमित कर मन को एकाग्र करना, भीतर ले जाना ही ध्यान है । 
मुनि सुबोध कुमार जी ने कार्यक्रम का संचालन करते हुए सभी तपस्वी भाई बहनों का परिचय दिया। अपनी संसारपक्षीय भतीजी नम्रता बम्ब और सुरक्षा कटारिया की तपस्या के उपलक्ष्य में पारिवारिक पृष्ठभूमि का भी उल्लेख किया । 
इससे पूर्व मुनि रमेश कुमार जी के महामंत्रोच्चारण से कार्यक्रम प्रारम्भ हुआ । मुनि सुबोध कुमार जी ने जप का प्रयोग कराया । मधुर गायक महेन्द्र सिघी ने *अपने मन की धरती पर , करुणा  के फूल खिलाये* गीत से मंगलाचरण किया । ट्रिप्पलिकेन तेरापंथ महिलाओं ने *तप की छाई बहार , तप जीवन श्रृंगार* गीत मधुर स्वरों से पेश किया।
जैन श्वेताम्बर तेरापंथी ट्रस्ट के मैनेजिंग ट्रस्टी गौतम जी सेठिया,  मंत्री सुरेश जी संचेती,  कोषाध्यक्ष वसन्तराज जी मरलेचा ने सभी तपस्वियों का ट्रस्ट की से सम्मान करते हुए तप अभिनंदन पत्र भेंट किया।    *गायक हेमन्त डूंगरवाल ने *गुरुवर के चरणों में,  अर्पण सब कुछ कर दूं मैं* गीत पेश किया । वरिष्ठ श्रावक मदनलाल जी मरलेचा ने *तपस्या निराली रे* गीत सुनाया।
इसके अतिरिक्त तपस्वियों के परिजन मैत्री बम्ब, वंदना मुथा, भंडारी परिवार की बेटीयां , मदनलाल जी मरलेचा,  समिक्षा गादिया,  वंदना,  वनिता,  कविता , गुणवंती,  रेखा कटारिया,  सोनिया कटारिया, ने तप अनुमोदना में अपने विचार की प्रस्तुति गीतों के माध्यम से प्रस्तुत की । 
संप्रसारक 
श्री जैन श्वेताम्बर तेरापंथी ट्रस्ट ट्रप्लीकेन चैन्नई

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