चेन्नई. न्यू वाशरमैनपेट जैन स्थानक में विराजित साध्वी साक्षीज्योति ने कहा श्रमण संस्कृति के अद्भुत पर्व हैं। ये तप-त्याग का संदेश लेकर आते हैं। संत-साध्वी तो इसकी उपासना करते ही हैं श्रावक-श्राविकाएं भी इसकी आराधना करते हैं।
दान, शील, तप, भाव बन जाते हैं। ये पर्व आत्मा को परमात्मा बनाने की शक्ति रखते हैं। हम इन पर्वों का आङ्क्षलगन लेकर अपने कदम अनंत की तरफ बढ़ा सकते हैं।
अंतगड़ सूत्र में जिन आत्मा का वर्णन है वे इस जगत के प्रकाश स्तम्भ हैं। यह प्रकाश इन्होंने कहीं बाहर से नहीं भीतर से पाया है। ऐसा प्रकाश जो आज भी हमें प्रकाश दिखाता है।
संजय दुगड़ ने बताया कि इस मौके पर प्रश्नमंच प्रतियोगिता का आयोजन हुआ जिसमें बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने हिस्सा लिया।