चेन्नई. अयनावरम स्थित जैन दादावाड़ी में विराजित साध्वी कुमुदलता ने कहा कि महापुरुषों का गुणगान देवता भी करते हैं। तप जीवन की प्रयोगशाला है और मोक्ष की प्राप्ति के लिए मनुष्य को इस प्रयोगशाला से होकर गुजरना पड़ता है। उन्होंने गणेश चौदस अनंत चौदस के बारे में कहा कि मूर्तिपूजक की संवत्सरी अनंत चौदस व गणेश विसर्जन दिगंबर परम्परा की संवत्सरी होती है। आज ही के दिन 99 करोड़ मुनि सिद्ध-बुद्ध मुक्त हुए थे। जो व्यक्ति इस दिन उपवास करता है उसके समस्त कर्म खप जाते हैं।
आचार्य जयमल की जन्म जयंती मनाते हुए उन्होंने कहा कि आज से 300 वर्ष पूर्व राजस्थान की माटी में आचार्य जयमल का जन्म हुआ था। उन्होंने जीव-अजीव संवर आश्रय का अध्ययन किया। आचार्य जयमल ने 3 घंटे एक वृक्ष के नीचे खड़े रहकर प्रतिक्रमण याद किया था। उन्होंने 20 मासखमण किए। उन्होंने छह वर्ष तक सिर्फ छाछ का पानी पीया। साध्वी महाप्रज्ञा ने भक्ति शब्द की विस्तृत व्याख्या की।