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तप आत्मोत्थान का अनुपम मार्ग : शासनश्री साध्वी शिवमाला

तप आत्मोत्थान का अनुपम मार्ग : शासनश्री साध्वी शिवमाला

एक ही परिवार से तीन भाईयों की तपस्या

चेन्नई: तेरापंथ ट्रस्ट बोर्ड, ट्रिप्लीकेन की आयोजना में एस एच जी तेरापंथ भवन में शासनश्री साध्वी शिवमालाजी ठाणा 4 के सान्निध्य में तपोभिन्दन कार्यक्रम आयोजित किया गया।

 नमस्कार महामंत्र के साथ कार्यक्रम में साध्वीश्री ने कहा कि मोक्ष प्राप्ति के चार मार्गो में से एक है- तप। व्यक्ति मन और इन्द्रियों पर अंकुश लगा कर ही तप के पथ पर चल सकता है। तप से जहां शारिरिक स्वास्थ्य की प्राप्ति तो हो सकती ही है, साथ में कर्म निर्जरा का बहुमूल्य साधन भी है, तप के साथ, स्वाध्याय, ध्यान की निरन्तरता भी बनी रहे। आज मुथा परिवार की तीन पिढ़ीयाँ तप का उपहार लेकर आई है।

श्री प्रकाशजी मुथा, उनके पुत्र मुकेश, पौत्र प्रज्वल तप का उपहार लेकर आये हैं। यह परिवार के संस्कारों का परिणाम ही है कि 11 वर्ष की अवस्था में प्रज्वल भी दादा के साथ अठाई का तप लेकर आया। सभी के प्रति आध्यात्मिक मंगलकामना। कार्यक्रम में तेयुप के निर्देशन में मंत्र दीक्षा का आयोजन किया गया।

सुश्री इक्षु मुथा ने दादा, बड़े पापा, भाई के तप पर गीतिका से विचार व्यक्त किए। ट्रस्ट बोर्ड प्रबंध न्यासी सुरेश संचेती, जैन विश्व भारती प्रबंध न्यासी रमेश बोहरा, सम्पतराज चोरड़िया इत्यादि ने तपस्वियों का अभिनन्दन किया। कार्यक्रम का संचालन मंत्री विजयकुमार गेलड़ा ने किया।

समाचार सम्प्रेषक : स्वरूप चन्द दाँती

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