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तपस्या : आत्म विशोधन की प्रयोगशाला – साध्वी उज्जवलप्रभा

तपस्या : आत्म विशोधन की प्रयोगशाला – साध्वी उज्जवलप्रभा

विल्लुपुरम  :-  आचार्यश्री महाश्रमणजी की सुशिष्या साध्वी  उज्जवलप्रभा के सान्निध्य में श्री सुसवाणी भवन में तप अभिनंदन कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ साध्वीश्री के मंगल मंगलाचरण द्वारा हुआ। साध्वी उज्जवलप्रभा ने अपने मंगल उद्बोधन में कहा कि तप द्वारा आत्म विशोधन एवं आत्म अभ्युदय से कर्मों की निर्जरा होती है।

साध्वी अनुप्रेक्षाश्री ने तप द्वारा आत्मशुद्धि एवं अचिंत्य लाभ की प्राप्ति के विषय में प्रेरणा दी। साध्वी प्रबोधयशा ने श्रद्धा, आस्था एवं भावना से धर्म के मार्ग पर चलना एवं संकल्प शक्ति बढ़ाने के उपाय बताएं। तपस्विनी बहन संतोष सुराणा ने साध्वीश्री की प्रबल प्रेरणा से 16 की तपस्या का प्रत्याख्यान किया। उनकी तपस्या प्रवर्धमान भाव के साथ गतिमान है।

श्रीमती चंचल सुराणा ने 27 एकासन पूर्ण कर उपवास का प्रत्याख्यान किया। तप अभिनंदन में महिला मंडल से श्रीमती अनीता बडोला, कन्या मंडल से आरती सुराणा, सभा एवं सुसवाणी ट्रस्ट से श्री प्रेमचंद सुराणा, अभातेयुप एटीडीसी राष्ट्रीय प्रभारी भरत मरलेचा, परिवार से प्रकाश बाई आच्छा, यशा, मेहक, निष्ठा सुराणा एवं महिला मंडल की बहनों द्वारा गीतिका प्रस्तुत की गई।

तप अभिनंदन पत्र का वाचन श्रीमान मोतीचंद भंडारी द्वारा किया गया। आभार ज्ञापन श्री राजेश जी सुराणा ने किया एवं कार्यक्रम का सफल संचालन श्रीमती राखी सुराणा द्वारा किया गया।
           

स्वरुप चन्द दाँती
प्रचार प्रसार प्रभारी
श्री जैन श्वेताम्बर तेरापंथी सभा, चेन्नई

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