पर्युषण का पहला दिवस खाद्य संयम दिवस
महातपस्वी, शांतिदूत आचार्य श्री महाश्रमण जी के विद्वान सुशिष्य मुनिश्री रमेश कुमार जी सहवर्ती मुनि सुबोध कुमार जी के पावन सान्निध्य में ट्रिप्लीकेन स्थित तेरापंथ भवन में तप ,जप , त्याग ,वैराग्य के वातावरण में आज से प्रारंभ हुआ। आज प्रात:काल से सप्त दिवसीय नमस्कार महामन्त्र का अखंड अनुष्ठान शुरु हुआ।
सैकड़ों लोगों ने आज उपवास किये। पर्युषण पर्व की समग्र व्यवस्था जैन श्वेताम्बर तेरापंथी ट्रस्ट ट्रप्लीकेन चैन्नई की देखरेख में अलग अलग संयोजक संयोजिका के द्वारा की गई है ।
पर्युषण पर्व का महत्व और आगमिक आधार बताते हुए मुनि रमेश कुमार ने कहा– संसार में अनेकानेक पर्व, त्यौहार मनाये जाते हैं ।उन सभी पर्व और त्यौहार मनाने के पीछे किसी न किसी व्यक्ति विशेष का नाम अथवा घटना प्रसंग जुडे होते हैं । परन्तु जैन धर्म का पर्युषण महापर्व किसी व्यक्ति विशेष का नाम नहीं जुडा है । पर्युषण वह पर्व है जो हमें प्रकृति से , संस्कृति से , संस्कारों से जोडता है ।

यह आत्मशुद्धि का पर्व है । अनादि काल से तीर्थंकरों ने , आचार्यों ने इसकी आराधना करते रहे हैं । इस तरह जैन धर्म का फेस्टिवल पर्व है पर्युषण।
पर्युषण पर्व के अंतर्गत आज खाद्य संयम दिवस के रुप में मनाया गया ।
खाद्य संयम पर अपने विचार प्रस्तुत करते हुए मुनि सुबोध कुमार ने कहा– हर संस्कृति में पर्व मनाने का उत्साह होता है लौकिक और लोकोत्तर दोनों प्रकार के पर्व मनाने की परंपरा है ।पर्युषण लोकोत्तर पर्व है । आत्म जागृति के लिए इस पर्व को मनाते हैं।
इस पर्व का आज प्रथम दिवस खाद्य संयम दिवस के रुप में मनाया जा रहा है । संयम का महत्व बताते हुए आपने आगे कहा- पर्युषण पर्व पर संयम साधना की और पहला कदम रखना । संयम के अनेक प्रकार है । उन सब में साधना की संयम दृष्टि से खाद्य संयम का बहुत बङा महत्व है । खाने के एक असंयम के कारण तन मन की बिमारियों से व्यक्ति ग्रसित हो जाता है । उस स्थिति में साधना कैसे होगी ? जब खाद्य संयम पुष्ट होता है तभी साधना सिद्ध होती है।
इससे पूर्व मुनि रमेश कुमार के महामंत्रोच्चारण से कार्यक्रम प्रारम्भ हुआ । आ गया है पर्व प्यारा नाम है जिसका पर्युषण* इस गीत से वनिता, प्रियंका बोहरा , डिम्पल ने मंगलाचरण किया । मुनि सुबोध कुमार जी ने जप का प्रयोग कराया । जैन श्वेताम्बर तेरापंथी ट्रस्ट के मैनेजिंग ट्रस्टी गौतम जी सेठिया ने आगन्तुक सभी लोगों का स्वागत किया ।
*( संप्रसारक )*
श्री जैन श्वेताम्बर तेरापंथी ट्रस्ट ट्रप्लीकेन चैन्नई