श्री जैन महासंघ के तत्वावधान में आयोजित तीर्थराज सम्मेद शिखर एवं पालिताना तीर्थों की रक्षार्थ एवं पवित्रता बनाए रखने हेतु तथा 2019 में झारखंड एवं केन्द्रीय सरकार द्वारा पारित अध्यादेश को निरस्त करने हेतु महारैली…
श्री गुरु शान्ति विजय मन्दिर, चिन्दाद्रिपेट सर्कल से प्रारंभ होकर यह महारैली राजरत्न स्टेडियम, एग्मोर के सामने पहूंचकर धर्मसभा में परिवर्तित हो गई। 50हजार से ज्यादा की जनमेदनी इस रैली का हिस्सा बनें। पुरुष वर्ग सफेद वस्त्र एवं महिलाएं लाल साड़ी में पधारकर शांति और मौन पूर्वक विरोध प्रदर्शन किया। समस्त जैन समुदायों में आक्रोश एवं नाराजगी सरकार के प्रति साफ नजर आ रही थी। प्रत्येक जैन नवयुवक एवं युवतियों, बच्चों ने भी अपनी स्कूल कालेज से छुटि लेकर इस महारैली में जैन धर्म के तीर्थ रक्षार्थ भाग लिया। चेन्नई में उपस्थित चारों सम्प्रदायों के श्रमण श्रमणी भगवंतों एवं अरिहंत गिरी से पधारे भट्टारक स्वामी एवं ब्रह्मचारी भैया इत्यादि ने अग्रीम पंक्ति में रैली की अगुवाई की।
धर्मसभा के मंच पर विराजित प पू आचार्य श्री चन्द्रयशसूरिश्वरजी म सा आदि ठाणा, प पू गणिवर्य श्री पद्मविमलसागरजी म सा, प पू उपाध्याय श्री अभ्यूदय प्रभविजयजी म सा, प पू मु श्री तीर्थ वल्लभ विजयजी म सा, प पू मु श्री भद्रबाहु विजयजी म सा, प पू श्री मुक्तिप्रभ सागरजी म सा, भट्टारक स्वामी जी श्री धवल कीर्ति जी, ब्रह्मचारी भैया प्रांजल जी ने एतिहासिक रैली को सम्बोधित किया। पू. सा. श्री सुधाकंवरजी म सा, पू सा. श्री विजयप्रभा श्रीजी, पू सा. श्री साधना श्रीजी, पू सा. जयरेखा श्रीजी म सा,पू सा. नन्दीवर्धना श्रीजी म सा, पू सा. श्री रत्नज्योती श्रीजी , पू सा. श्री धर्मप्रभा श्रीजी, पू सा. श्री श्रद्धान्विता श्रीजी म सा. आदि ठाणा ने भी तीर्थ रक्षार्थ अपनी सहभागिता प्रदान की। एतिहासिक सभा का प्रारम्भ मंगलाचरण से हुआ। श्री जैन महासंघ अध्यक्ष श्री राजकुमारजी बड़जात्या ने पधारे हुए समस्त सम्माननीय भाई बहनों का अभिनन्दन स्वागत किया। महामंत्री सुरेशकुमार कागरेचा ने कहा कि हमारे पूर्वजों ने तीर्थ रक्षा हेतु अनेकों बलिदान दिये, हमें भी अपने तीर्थों की रक्षार्थ आगे आना होगा। आगे कहा कि तमिलनाडु के कई शहरों में अपने प्रतिष्ठान बंद रखकर रैली निकालकर सरकार को ज्ञापन देंगे।
माइनोरिटी कमिशन के सदस्य श्री प्यारेलालजी पितलीया, श्री प्रविणजी टाटिया, काउन्सलर श्री राजेश जी रंगीला, श्री रमेश जी मुथा, श्री विमल जी शाह, श्री पारसजी जैन, श्री राजेन्द्र जी दुग्गड, श्री गौतमजी कांकरिया, श्री अजीतजी लोढा, श्री लालजी इत्यादि कई गणमान्यगणों ने तीर्थ रक्षार्थ अपने विचार व्यक्त किए। श्री पन्नालालजी सिंघवी ने कहा कि जैन धर्म के सभी तीर्थों की रक्षा हेतु चारों सम्प्रदायों की एक जुटता से एक साथ इस महारैली का अपनी एकता का परिचय दिया है। आने वाले समय में कोई भी जैन धर्म पर उपसर्ग होगा तो इसी तरह की एकता दिखाएंगे। 36 कौम के सर्व समाज से पधारे श्री शान्तिलालजी पुरोहित ने भी जैन समाज को अपना पूर्ण सहयोग देने का आश्वासन दिया। झारखंड मुक्ति मोर्चा के तमिलनाडु अध्यक्ष श्री डॉ रामचन्द्रन को तीर्थ रक्षार्थ श्री मांगीलालजी देशरला ने ज्ञापन सौंपा। उन्होंने अपनी झारखंड सरकार से जैन धर्म के पवित्र तीर्थ सम्मेद शिखर जी को पर्यटन स्थल को बदलकर तीर्थ स्थल के रूप में परिवर्तन करने का कहेंगे।
चारों सम्प्रदायों के सभी संघों का सम्पूर्ण सहयोग एवं योगदान रहा। श्री चन्द्रप्रभु जैन नया मंदिर ट्रस्ट, श्री चन्द्र प्रभु जैन जुना मंदिर ट्रस्ट, श्री श्वेताम्बर गुजराती मूर्तीपूजक जैन संघ, श्री राजेन्द्र सूरीश्वर जैन ट्रस्ट, श्री वेपेरी श्वेताम्बर मूर्तिपूजक जैन संघ, श्री किलपाक श्वेताम्बर मूर्तिपूजक जैन संघ, जीतो इन्टरनेशनल चेन्नई चेप्टर का विशेष सहयोग रहा। तमिलनाडु महामंडल एवं सहयोगी मंडलों ने भी रैली को अनुशासन पूर्वक सम्भाला। एच आर डी मिनिस्टर पी के शेखर बाबू MLA एवं प्रशासन पोलिस ने इस रैली में अपना पूर्ण सहयोग दिया। राठी स्टूडियों ने भी अपनी सेवाएं दीं। श्री कान्तिलाल भण्डारी ने सभी का आभार व्यक्त किया। आसपास के गांवों से भी बस गाडियां द्वारा नयनार जैन समाज के हजारों व्यक्तियों ने तीर्थ रक्षार्थ अपनी सहभागिता प्रदान की। सभा के समय एक कमिटी का गठन किया जो सरकारी महकमों में जैन तीर्थों की रक्षार्थ ज्ञापन सौंप सकें। श्री विपिन सतावत ने जोश पूर्वक मंच का संचालन किया।