आज विजयनगर स्थानक भवन में विराजित जैन सिद्धान्ताचार्य साध्वीश्री प्रतिभाश्रीजी ने पर्युषण पर्व के छवें दिन ज्ञान एवं वन्दना दिवस के ऊपर विवेचन फरमाते हुए कहा कि ज्ञान से विनय ओर विनय से धन की भी प्राप्ति होती है, “विद्या ददाति विनयम, विनयात याति पात्रताम, पात्रता धनम आप्नोती विद्या धनम सर्व धनम प्रधानम” विनयवान पुरुष सर्वस्त्र पूजा जाता है।
साध्वीश्री प्रेक्षाश्रीजी ने कहा कि अंदर के अंधकार को मिटाने के लिए ज्ञानरूपी प्रकाश की जरूरत होती है,ज्ञान पारसमणि की तरह होता है जो लोहे को छूने से उसे सोना बना देती है, पर जब तक लोहे पर कोई आवरण हो तब वह सोना नहीं बनता, ठीक उसी प्रकार जब तक आत्मा पर जमे कर्मबंध रूपी कचरे को ज्ञान द्ववारा नही हटाया जाएगा तब तक आत्मा का कल्याण नहीं हो सकता है।
आज दानवीर भामाशाह स्व०केसरीमल विमलादेवी सुजानमल बुरड़ के दिव्य आशीस से श्रीमती शकुंतला बाई एव युवाओं के प्रेरक प्रकाश चंद आरती जी बुरड़ परिवार की ओर से वर्षो से चली आ रही परंपरा का निर्वहन करते हुए बैंगलोर में गतिमान समस्त चतुर्मासों में पर्युषण पर्व के दौरान मांगलिक की प्रभावना का आज विजयनगर में वितरण किया गया।इस अवसर पर बुरड़ परिवार के वरिष्ट व हनुमंतनगर संघ के अध्यक्ष कल्याण सिंह बुरड़ ने उपस्थित होकर प्रभावना वितरित करवायी।संघ के अध्यक्ष राजेन्द्र कुमार कोठारी ने बुरड़ परिवार का अभिनंदन किया।
इस मौके पर श्रीऑल इंडिया श्वेताम्बर स्थानक वासी जैन कान्फ्रेंस के राष्ट्रीय व प्रान्तीय पदाधिकारी एवं बाहर क्षेत्रो से श्रद्धालु भक्तगण तथा रत्नहितेषी संघ के मंत्री गौतम ओस्तवाल उपस्थित हुए।सुरेन्द्रकुमार आंचलिया ने अपने विचार रखे। जैन कांफ्रेंस के प्रान्तीय युवा अध्यक्ष विकास कोठारी के सात उपवास के प्रत्याख्यान लेने पर संघ द्ववारा अभिनंदन किया गया संघ के मंत्री कन्हैया लाल सुराणा ने सभी का हार्दिक स्वागत एवं अभिनंदन किया।