तेरापंथ युवक परिषद् द्वारा आयोजित जैन विद्या परीक्षा के सफल परीक्षार्थियों को मुनि श्री ज्ञानेंद्रकुमार के सान्निध्य में तेरापंथ सभा भवन तड़ियारपेट में प्रमाण पत्र वितरित किए गए।
इस अवसर पर परीक्षार्थियों के साथ श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए मुनि श्री ज्ञानेंद्रकुमार ने फरमाया की ज्ञानशाला संस्कारों की आधारशिला है, जहां बच्चों को पढ़ाया ही नहीं जाता, उनके जीवन का सर्वांगीण निर्माण भी किया जाता हैं।
मुनि श्री ने आगे कहा कि जैन विद्या परीक्षा ज्ञान प्राप्ति का महत्वपूर्ण माध्यम हैं। जिससे हम जैन दर्शन को गहराई से समझ सकते हैं। जैन विद्या परीक्षा केंद्र जितनी ज्यादा जगहों पर होगें, उतना ही यह व्यापक होगा।
जैन विद्या परीक्षा का प्रमाण पत्र ज्ञान का प्रतीक नहीं हैं। वह तो सिर्फ अंको का सूचक हैं। ज्ञान तो मस्तिष्क में सुरक्षित रहना चाहिए, ज्ञान से हम बंधनों को खोल सकते हैं, जान सकते है और व्यक्तित्व को निखार सकते हैं। सब परीक्षार्थियों ने परीक्षाओं में खूब मेहनत की, ज्ञानशाला के बच्चों ने बहुत ही सुंदर प्रस्तुति दी, वह ऐसे ही विकास करते रहें।
मुनि श्री विमलेशकुमार ने भी ज्ञानशाला और जैन विद्या पर अपने विचार प्रस्तुत किये। श्री जैन श्वेतांबर तेरापंथी सभा द्वारा संचालित ज्ञानशाला के ज्ञानार्थियों ने मनमोहक प्रस्तुति दी
कार्यक्रम के दौरान तेयुप चेन्नई ने सभी जैन विद्या में उत्तर हुए परीक्षार्थियों को प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया। इस दौरान तेरापंथ सभा अध्यक्ष श्री विमल चिप्पड़, तड़ियारपेट तेरापंथ ट्रस्ट के मुख्यन्यासी श्री इन्दरचंद डूंगरवाल, वरिष्ठ श्रावक श्री प्रकाशचन्द मुथा, अभातेयुप राष्ट्रीय सामायिक प्रभारी श्री विकास सेठिया, तेयुप चेन्नई के उपाध्यक्ष श्री मुकेश नवलखा, मंत्री श्री दिलीप भंसाली, सहमंत्री श्री संतोष सेठिया, बुलेटिन प्रभारी श्री किस्तूर मुथा, शिक्षा प्रभारी श्री हेमंत बोहरा, सहप्रभारी श्री कमलेश भरसारिया, विज्ञापन प्रभारी श्री नवीन बोहरा, श्री अनिल डुंगरवाल, श्री विकास गेलड़ा एवं तेयुप चेन्नई के एवं समाज के अनेक गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे। कार्यक्रम के दौरान जैन विद्या परीक्षा के प्रायोजक श्री देवीचंद विकास गेलड़ा का सम्मान किया गया।
-: प्रचार प्रसार प्रभारी :-
श्री जैन श्वेतांबर तेरापंथी सभा, चेन्नई
स्वरुप चन्द दाँती
+91-8838652154