वर्तमान परिवेश के अंदर यदि हमको किसी भी चीज का ज्ञान करना है और गहराई से उस ज्ञान के भीतर उतरने का प्रयास करना है तो हमको वार्तालाप का दौर प्रारंभ करना पड़ेगा। जब हम वार्तालाप करेंगे तब हमारे जीवन मे नए-नए ज्ञान के उन्मेश अपने आप ही पैदा होने प्रारंभ होंगे।
जिस चीज का हमको विशेष ज्ञान करना है उस ज्ञान के विशेषज्ञ व्यक्ति के पास के हम जाएंगे और अपनी जिज्ञासाओं को प्रस्तुत करेंगे।जिज्ञासा सुनकर वह अपना चिंतन हमको प्रदान करना प्रारंभ करेंगे और जब उनके चिंतन धारा को हम सुनेंगे अनुभव करेंगे।
अपने विचारों के साथ आत्मसात करेंगे तो हमको उस ज्ञान को समग्र रूप से जीवन में अवतरित करने का अवसर प्राप्त हो जाएगा। यदि हमने वार्तालाप का दौर बंद कर दिया तब हमारा ज्ञान हमारे भीतर के एक नई कुंठा पैदा करने वाला बन जाता है।
इसलिए प्रत्येक व्यक्ति को अपने जीवन के अंदर उच्च आदर्श वाले व्यक्तियों के साथ हमेशा संपर्क स्थापित करके वार्तालाप करने का प्रयास करते ही रहना चाहिए।
टीवी भी हमारे लिए ज्ञान वृद्धि का बहुत बड़ा साधन बन सकता है। जब बड़े बड़े विचारक टीवी पर आते हैं और अपनी वार्ता प्रस्तुत करते हैं तो उसको सुनकर हमारे भीतर का एक नया ज्ञान का भंडार बनाने मे सफलता प्राप्त कर सकते हैं