चेन्नई. साहुकारपेट जैन भवन में विराजित उपप्रवर्तक गौतममुनि ने कहा परमात्मा ने अपने अनंत ज्ञान के जरिए तीनों लोक में प्रकाश किया है। प्रत्येक मनुष्य को परमात्मा की वाणी के प्रति अनंत श्रद्धा रखने की जरूरत है।
उन्होंने कहा ज्ञान पंचमी मनुष्य को ज्ञान की सुंदर प्रेरणा देती है। इस मौके पर अगर एक अक्षर भी हृदय में बस जाए तो समझो जीवन सफल हो जाएगा, क्योंकि ज्ञान के बिना पूरा जीवन व्यर्थ हो जाता है।
ज्ञान होने पर ही संसार रूपी जीवन में प्रकाश होता है। सागरमुनि ने कहा लोक में प्रकाश करने वाले परमात्मा के उपकारों को कभी भी भूलना नहीं चाहिए। परमात्मा ने अपने आचरण से उपदेश देकर समाज के लिए प्रकाश के मार्ग का गठन किया है। उन्होंने कहा ज्ञानी लोगों का सम्मान होता है लेकिन आचरण रखने वाले लोगों की अलग पहचान होती है।
ज्ञान पंचमी यही संदेश देता है कि मनुष्य को इस मौके का पूरा लाभ उठाना चाहिए। जहां ज्ञान है वहीं लाभ है बिना ज्ञान के कही भी लाभ नहीं मिल सकता। उन्होंने कहा ज्ञान के तत्व को जानने के बाद ही जीवन में प्रकाश आता है। जिस प्रकार से रोशनी नही होने पर आंख किसी काम की नही होती उसी प्रकार ज्ञान और आचरण नहीं होने पर जीवन किसी काम का नहीं होता।
इससे पहले विनय मुनि और गौतम मुनि के सानिध्य में मिन्ट स्ट्रीट स्थित जैन स्थानक में संघ के उपाध्यक्ष निर्मल मरलेचा और प्रिया कमल कोठारी ने जैन पुस्तकालय का उद्घाटन किया। इस अवसर पर आराधना भवन में विराजित संत भी पहुंचे।
पुस्तकालय के अंदर जैन धर्म के आगम प्राचीन साहित्य ग्रंथ रखे जाएंगे। इससे पूर्व जैन भवन से विशाल वरघोड़ा निकाला गया जो जैन स्थानक पहुंचा। सर्वप्रथम मंगल नवपद जाप हुआ। इस अवसर पर गुरुदेवों ने कहा आज ज्ञान पंचमी के दिन इस तरह के कार्य होना वास्तव में संघ का गौरव बढ़ाने वाला है।
पुस्तकालय के माध्यम से लोगों में साहित्य ज्ञान एवं धर्म के बारे में जानकारी बढ़ेगी। इस तरह के कार्य हमारे प्राचीन साहित्य ग्रंथों को संरक्षण प्रदान करते हैं। कार्यक्रम में गौतम दुगड़, पवन पोखरना, नवरत्न डोसी सहित अन्य पदाधिकारी उपस्थित थे। पुस्तकालय जल्द ही आमजन के लिए भी खोला जाएगा। मंत्री मंगलचंद खारीवाल ने संचालन किया।