Sagevaani.com @चैन्नई। ज्ञान का एक सूत्र भी मनुष्य अपने जीवन मे उतारलें और उस सूत्र का वह पालन करने लग जाऐ तो इस धरती पर भी वह स्वर्ग का सुख प्राप्त कर सकता है रविवार साहुकारपेट जैन भवन में गुरूवर्या महासती धर्मप्रभा ने आयोजित विषेश धर्मसभा मे श्रध्दांलूओ को सम्बोधित करते हुए कहा कि ज्ञान अनन्त है और सम्पूर्ण ज्ञान प्राप्त कर पाना साधारण मनुष्य के लिए कठिन और असंभव है लेकिन ज्ञान के छोटे से एक सूत्र को भी वह अपने जीवन में समावेश कर लेता है तो वह सभी दुखों से छुटकारा प्राप्त कर सकता है और मनुष्य भव मे भी स्वर्ग के सुख को प्राप्त करके अपनी आत्मा मोक्ष दिला सकता है। परन्तु मनुष्य थोड़े से ज्ञान पर अंहकार और घमंड करता है और समझा है कि इस संसार मेरे बराबर कोई दुसरा विद्वान ज्ञाता पंडित नहीं है जो कुछ भी हू वह मे,जबकि इस धरती न जाने कितने ही अल्पज्ञ अंहकारी घमंडी इस
धरती की राख बन चुकें है और उनका दुनिया मे नामो निशान तक नहीं रहा । मनुष्य भव संसार मे बार-बार नही मिलता है जीवन मे राग द्वेष और कयायो के त्यागने पर ही धरती पर स्वर्ग का सुख मिल सकता है। साध्वी स्नेहप्रभा उत्ताराध्यय अध्ययन सूत्र का वांचना करते हुए बताया की मनुष्य का जीवन तब तक अधूरा है जब वह स्वंय को नहीं जानेगा और आत्मा को नहीं पहचानेगा तब तक उसे ज्ञान प्राप्त नहीं होने वाला।
आत्मा का कल्याण तभी हो सकता है जब वह 24 घंटो मे कुछ पल स्वयं के जीवन के निर्माण और आत्मा के उत्थान के लिए साधना करता है तो वह अपनी आत्मा को जानकर अपने जीवन का निर्माण कर लेगा। साहुकार पेट श्री एस.एस. जैन संघ के कार्याध्यक्ष महावीर चन्द सिसोदिया ने बताया धार्मिक पाठशाला मे ज्ञानार्जन अर्जित करने वाले अनेक बालक -बालिकाओं ने साध्वी वृंद से धर्मसभा के दौरान त्याग और प्रत्याख्यान लिए पाठशाला मे ज्ञान प्राप्त करने सभी बच्चों का श्री संघ के मंत्री सज्जनराज सुराणा, हस्तीमल खटोड़, सुरेशचन्द डूगरवाल, शम्भूसिंह कावड़िया, शांति लाल दरड़ा आदि ने कम उम्र मे त्याग प्रत्याख्यान लेने पर बच्चों का होसला बढ़ाया और दर्शना पधारे थांवला निवासी फतेहराज खटोड़ का स्वागत किया ।
प्रवक्ता सुनिल चपलोत
श्री एस.एस.जैन भवन साहुकार पेट चैन्नई