जैन संत डाक्टर राजेन्द्र मुनि जी ने पर्युषण पर्व को आत्मा का पर्व बतलाते हुए कहा जैसे हमारा मन व्यापार में घर के काम धंधे मे समाज मे आगे बढ़ना चाहता है वैसे धर्म कार्य मे आत्म कल्याण मे आगे बढ़ने की प्रेरणा देने के लिए ही ये पर्व आए है! भगवान महावीर ने आत्म ज्ञान को आत्मा का निजगुण बतलाया है अर्थात ज्ञान सदा साथ रहता है! जनरल दुनियादारी के ज्ञान को हम सदा बढ़ाने का प्रयास करते है! विश्वभर मे स्कूल कालेज यूनिवर्सिटीयों मे तरक्की विकास के तरीके सिखाए जाते है जो आगे जाकर राग द्वेष को बढ़ाने के विधवंस के कारक बनते है। इसी ज्ञान के साथ साथ अध्यात्म का ज्ञान, सभी को शान्ति सुखी बनाने वाली शुभ भावनाओं को कक्षायो को विकारो के जीतने का ज्ञान दिया जाना वर्तमान मे अत्यावशक है नहीं तो एक दिन इन्सान इन्सान को ही मिटा देने का ज्ञान हासिल कर विश्व को विनाश के कागार पर लाकर खड़ा कर देगा।
ज्ञान के अभाव में मानव जीवन निशफल है: डाक्टर राजेन्द्र मुनि जी
By saadhak
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