वेलूर. वेलूर के शांति भवन में ज्ञानमुनि ने ज्ञान पंचमी पर कहा कि दुनिया में ज्ञान का काफी महत्व है। आगम कहता है कि जिस तरह सुई में धागा डालने के बाद कभी खोता नहीं है उसी तरह ज्ञान है तो ज्ञानी व्यक्ति कभी संकट में नहीं भटकता है,हमेशा सही रास्ते पर चलता है।
अगर ज्ञान सुखों की खान है तो धन भोगो की खान है और तन रोगों का। ज्ञानी आदमी हमेशा सुखी रहता है। इसी लिए श्रावक प्रभु से सबसे पहले ज्ञान देने की मांग करता है पीछे अन्य सब देने को कहता है।
अक्ल है तो इंसान इंसान रहता है,अक्ल नहीं है तो वो शैतान के समान होता है। एक दीपक जलने से सैकड़ों दीपक जलाया जा सकता है उसी तरह एक ज्ञानी के जरिए सैकड़ों लोगों का भला हो सकता है।
जो ज्ञानी बनते है वो संसार के सभी मोह जाल त्याग देते हैं। ज्ञानी वही होता है जो भविष्य की चिंता न करके वर्तमान को ठीक करने पर ध्यान दें।