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ज्ञान वाणी

ज्ञानमुनि और लोकेश मुनि ने किया चातुर्मासिक प्रवेश

ज्ञानमुनि और लोकेश मुनि ने किया चातुर्मासिक प्रवेश

वेलूर. यहां सतुआचारी से विहार कर सोमवार को श्री श्वेताम्बर स्थानकवासी जैन संघ के तत्वावधान में ज्ञान मुनि एवं लोकेश मुनि का भव्य चातुर्मासिक मंगल प्रवेश हुआ। इस अवसर पर सीएमसी रोड में संतों के पहुंचने के बाद सैकड़ों श्रावक-श्राविकाओं ने उनका भव्य स्वागत किया।

यहां से जुलूस के रूप में संत आरकाट रोड, पुराने बस अड्डा, लांग बाजार, मेन बाजार, गांधी रोड होते हुए जैन भवन में पहुंचे जहां शोभायात्रा धर्मसभा में परिवर्तित हो गई। धर्मसभा का संबोधित करते हुए ज्ञानमुनि ने कहा, जिनवाणी श्रवण से पुण्य-पाप और हित-अहित का ज्ञान होता है एवं सुनने से ही हित-अहित में भेद का बोध होता है अत: धर्म सुनकर हितकारी और श्रेयकारी आचरण करना चाहिए। जिनवाणी सदा कल्याणी व भ्रम तथा अज्ञान का निवारण करने वाली है।

इस कल्याणी वाणी को जीवन में ढालें और प्रमाद में समय नही खोएं। आदमी की रातें नींद में चली जाती है और दिन का अधिकांश समय खाने पीने व मौज-शौक में व्यतीत हो जाता है। इसी गफलत में पूरी जिंदगी निकल जाती है, अत: सजग रहना जरूरी है। संसार एक मेला है व मुसाफिरखाना है।

अपना अपना कार्य कर के सबको आगे जाना है। अत: ज्ञान की पूंजी लेकर आगे जाना चाहिए। मैत्री का आधार धन नहीं मन होता है। धनवान बन जाने पर भी अपनी सरलता और विनम्रता नहीं छोडऩी चाहिए। धर्मसभा में संघ अध्यक्ष सुमतिलाल भटेवड़ा, उपाध्यक्ष धर्मराज तालेडा, मंत्री धर्मचन्द छोरलिया, सहमंत्री रमेशचन्द कटारिया कोषाध्यक्ष श्री पाल गुलेच्छा भी उपस्थित थे।

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