अक्षय तृतीया पर वर्षीतप करने वाले तपस्वीयो के तप की संतो व साध्वी मंडल ने गुणगान की अनूमोदना
जौधपुर। वर्षीतप की साधना ओर आराधना संसार मे सबसे बड़ी तपस्या है। रविवार को हनवन्त गार्डन मे श्रमणसंघ के प्रथम युवाचार्य मधुकर मुनि महाराज के नव दिवसीय दीक्षा शताब्दी समारोह कार्यक्रम के अर्तगत अक्षय तृतीया पारणे के आयोजन मे तपस्वी भाई बहनो को पावटा रोड़ हनवन्त गार्डन मे विशाल समारोह मे सम्बोधित करते हुये प्रवर्तक सुकनमुनि महाराज ने कहाँ कि व्यक्ति अपने अशुभ कर्मो के बंधनो को तभी छुटकारा पा सकता है ! जब वह निस्वार्थ भाव से वर्षीतप की तपस्या करेगा तभी शुभ कर्मो के बंधन बाधकर संसार के जन्म मरण के चक्रव्यूह से सदा- सदा के लिये छुटकारा पा सकता है । उपप्रवर्तक विनय मुनि भीम ने कहा जैन धर्म के प्रथम तीर्थंकर भगवान आदिनाथ ने सुपोत्र श्रेयांस कुमार के तैरह मास के प्रश्चात अक्षय तृतीया पर इक्षू रस द्वारा पारणा करवाया गया ।
इस दौरान साहिल मुनि, पंडित रितेश मुनि, श्रमण मुनि, हितेश मुनि तथा उपप्रवर्तिनी मैनाकंवर, तपाचार्या साध्वी जयमाला, विदुषी कमलप्रभा, साध्वी कंचन कंवर, विदुषी मनीषा, महासती सुमनप्रभा, साध्वी प्रतिक प्रभा आदि सभी ने वर्षीतप करने वाले तपस्वीयो के तप की अनुमोदना वह मरूधर केसरी मिश्रीमल म.सा के दीक्षा दिवस पर गुणगान करते हुये कहा कि तप छोटा बड़ा नही होता है तपस्या तपस्या होती है परन्तु भावना शुध्द प्रवित्र होगी तभी उसका सुफल प्राप्त होगा और आत्म निर्मल बन जायेगी । कार्यक्रम संचालन करते हुये साहिल मुनि ने बताया कि वर्षी तप करने वाले तपस्वीयो का गाजे बाजों के साथ सामूहिक वरघोड़ा निकाला गया जिसमे हजारों श्रध्दालूओ जयकारों के साथ समारोह स्थल पहुंचे।
वर्षीतप आयोजन के लाभार्थी खिवराज देवराज, नवरतनमल चौरड़िया ने गुरूभगवंतो के साथ सभी वर्षीतप अराधको को इक्षू रस से पारणा करवाया। शताब्दी समारोह समिति के अध्यक्ष अजीतराज चौरड़िया महामंत्री प्रकाश सिंघवी ने जानकारी देते हुये बताया कि सोमवार को दित्तीय दिवस हनवन्त गार्डन मे आयोजित धर्मसभा मे मधुकर संयम कलश की स्थापना संतो और साध्वी मंडल के सानिध्य मे सैकड़ों श्रध्दालूओ द्वारा की जायेगी।
प्रवक्ता सुनिल चपलोत
हनवन्त गार्डन पावटा रोड अखिल भारतीय श्रमण संघिय प्रथम युवाचार्य मिश्रीमल जी महाराज मधुर सेवा समिति जौधपुर