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जो मन में चल रहा है उसे बोलना सीखो : प्रवीण ऋषि

जो मन में चल रहा है उसे बोलना सीखो : प्रवीण ऋषि

नवकार कलश अनुष्ठान की तैयारियां जोरों पर…

Sagevaani.com @रायपुर। उपाध्याय प्रवर प्रवीण ऋषि ने कहा कि कई बार मनुष्य अपने मन में क्या चल रहा है, उसे बोलने की जगह कुछ और बोल देता है। हम किसी उलझन में फंस जाते हैं तो हमारे मन में यह चलता रहता है कि कैसे हम किसी से बोलें? यह कपोत लेश्या का चरित्र है। आदमी उलझन में फंस जाता है। सीधा व्यक्ति टेढ़ा चलने लगता है। जो बात मन को, दिल को चुभती है, उसे बता नहीं सकता है। इस लेश्या से बचने के लिए जो मन में चल रहा है, उसे बोलना सीखो। उक्ताशय की जानकारी रायपुर श्रमण संघ के अध्यक्ष ललित पटवा ने दी।

उपाध्याय प्रवर गुरुवार को लालगंगा पटवा भवन में धर्मसभा को संबोधित कर रहे थे। लेश्या की प्रवचन माला में आज उन्होंने कपोत लेश्या का वर्णन किया।

उन्होंने कहा कि जो हम नहीं देख सकते हैं उसे जानने के लिए हम ज्योतिष के पास जाते हैं, और जो हम देख सकते है, लेकिन हमें नहीं दीखता है, वह हम दर्पण में देख लेते हैं। लेकिन हम अपनी ऊर्जा नहीं देख सकते, अपना औरा (आभामंडल) नहीं देख सकते। इसे देखने के लिए प्रभु महावीर ने एक दर्पण बनाया है, जिसे लेश्या कहते हैं। लेश्या का विज्ञान बताता है कि आपकी औरा क्या है, आप क्या हैं, और क्या बन सकते हैं। ग्रह-नक्षत्र आपके हाथ में नहीं है, आपके शरीर की गति आपके हाथ में नहीं है, लेकिन आप लेश्या को बदल सकते हैं। लेश्या में स्वयं को देख लोगे तो स्वयं को बदल पाओगे। उन्होंने बताया कि मुसीबत में हम मन की उलझन नहीं बता पाते हैं। जो बात दुःख पहुंचाती है, उसे नहीं बता पाते हैं। कपोत लेश्या का चरित्र है कि जो दुखता है वह बताने की जगह हम कुछ और बता देते हैं। जो हमारे मन में चल रहा है वह नहीं बता पाते हैं।

कपोत लेश्या वाला व्यक्ति टेढ़ा होता है। न तो सीधा बोलता है, न सीधा चलता है और न सीधा सोचता है। ऐसे में जिंदगी उलझकर रह जाती है। ऐसे में वह अपनों को भी नजरअंदाज करने लगता है। लेकिन कई लोग टेढ़े होते हुए भी सीधा चलते हैं, और सीधे होते हुए भी टेढ़ा चलते हैं। यह कपोत लेश्या का चरित्र है। अगर आप लेश्या का उपयोग कर पाओगे तो स्वयं का इलाज कर पाओगे। जितना आप स्वयं को जानते हो, दूसरा और कोई नहीं जनता है। स्वयं की लेश्या को समझ सको तो ज्योतिष के पास जाने की जरुरत ही नहीं पड़ेगी।

नवकार कलश अनुष्ठान की तैयारियां जोरों पर…

रायपुर श्रमण संघ के अध्यक्ष ललित पटवा ने बताया कि 1-2 अक्टूबर को आयोजित नवकार तीर्थ कलश अनुष्ठान की तैयारियां जोरों पर चल रही हैं। नवकार तीर्थ कलश समिति के सदस्य तैयारियों को अंतिम रूप देने में जुटे हुए है। इस अनुष्ठान से जुड़ने देश-विदेश से जैन बंधुओं के फोन आ रहे हैं। अब तक अमेरिका, लंदन, दुबई, ऑस्ट्रेलिया, से लगभग 100-150 श्रद्धालुओं के नाम आ चुके हैं। वहीं छत्तीसगढ़ समेत देशभर से भी सैकड़ों जैन बंधु इस अनुष्ठान में शामिल होने वाले हैं। उन्होंने बताया कि 1 अक्टूबर को 24 घंटों का नवकार महामंत्र जाप होगा।

इसके बाद 2 अक्टूबर को नवकार कलश अनुष्ठान सुबह 7.30 से 9 बजे संपन्न होगा। विदेश में बसे परिवारों के लिए इस अनुष्ठान से जुड़ने के लिए ऑनलाइन व्यवस्था भी की गई है। अनुष्ठान के दिन उन्हें लिंक उपलब्ध कराया जायेगा, जिससे वे इस अनुष्ठान में अपने परिवार के साथ शामिल हो सकेंगे। वहीं नवकार कलश को सुरक्षित पहुंचाने के लिए भी रायपुर श्रमण संघ ने कूरियर की व्यवस्था की है, ताकि विदेश में बैठे जैन परिवारों तक यह कलश पहुंच जाए। पंचधातु नवकार कलश के लिए सहयोग राशि 3100 रुपए रखी गई है। नवकार कलश के लिए सकल जैन समाज के सदस्य लालगंगा पटवा भवन में संपर्क कर सकते है।

उन्होंने यह भी बताया कि आज कर्नाटक से अखिल भारतीय स्थानक वासी जैन कॉन्फ्रेंस के दल पंच दिवसीय गुरुयात्रा के कल्प में रायपुर पहुंचा। बेंगलुरु से पहुंचे श्रावकों ने आज उपाध्याय प्रवर के दर्शन कर उनसे आग्रह किया कि आप रायपुर का चातुर्मास पूर्ण कर कर्नाटक की ओर विहार करें तथा बेंगलुरु को अपनी ओजस्वी वाणी से लाभान्वित करें।

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