श्री वर्धमान स्थानकवासी जैन संघ कम्मनहल्ली में प.पू. आगमश्रीजी म.सा. ने बताया, हे भक्त तुझे जो काम करना है वह इसी भव में कर लो। इस जीवन में करने जैसे पांच कार्य हैं। (1) एक जो करना है वह आज ही कर लो कल पर मत डालो (2) जो भी करना है वह अच्छा ही करना है (3) कार्य करने के लिए देर करना नहीं (4) जो भी करना है वह जीते जी ही कर लो (5) जो भी कार्य हाथ में लिया है उसे तुरंत पूरा कर लो।
इसी में ही मानव भव की सार्थकता है। केशी श्रमण तथा गौतम स्वामी के माध्यम से बताया गया।साथ ही वेश की वफादारी हो तो वह कभी भी भावों से चुकता नहीं है। टीना हेमंत कोठारी के दस के पूर का अध्यक्ष विजयराज चुत्तर ने स्वागत किया। संचालन मंत्री हस्तीमल बाफना ने किया।