चेन्नई. कोडमबाक्कम-वड़पलनी जैन भवन में विराजित साध्वी सुमित्रा के सानिध्य में शनिवार को ओम घंटाकर्ण महावीर स्तुति पर अनुष्ठान हुवा। सभा मे उपस्थित श्रावक श्राविकाओं ने अनुष्ठान किया। इस मौके पर साध्वी सुमित्रा ने कहा कि मधुर वाणी परम कल्याणक होती है।
मीठा बोलने वालों से हर कोई बात करना पसंद करता हैं। मीठे बोल से लोगो को आकर्षित किया जा सकता है। वाणी में ऐसी ताकत होती है कि उससे बड़ी से बड़ी दुश्मनी पल भर में खत्म हो जाती है और कड़वे बोल से खास रिश्ता भी टूट जाता है। मनुष्य जितना गुणी होगा उसकी वाणी उतनी ही मधुर होगी। लोग अपनी अज्ञानता की वजह से किसी के भी सामने कुछ भी बोल कर अच्छा खासा रिश्ता भी खराब कर लेते हैं।
लेकिन ज्ञानी लोग बोलने से पहले सोचते है और मधुर बोलते हैं। जिससे उनके रिस्तो को और मजबूती मिल जाती है। जब बच्चा पैदा होता और बोलना शुरू करता है तो उसकी मधुर वाणी को सभी पसंद करते है। प्रभु महावीर यही संदेश देते हैं कि दुनिया से जाने से पहले मनुष्य की वाणी चली जाती है। लोग उस समय इशारो से बात करते है। इस लिए जब तक वाणी है मीठा और मधुर बोल कर दूसरों को खुशी दे देना चाहिए।
उन्होंने कहा कि वाणी का महत्व उनसे पूछो जिनकी वाणी नही होती है। वाणी नही होने पर वे लोग खुद को बहुत लाचार मानते हैं। लेकिन जिनके पास वाणी है वे मीठा बोलने की जगह कड़वा बोल कर रिश्ते खराब कर रहे हैं। याद रहे कि वाणी मिली है तो इसका दूसरो की चुगली और बुराई करने के बजाय सही जगह उपयोग कर जीवन सफल बनाना चाहिए।
वाणी का दुरुपयोग करोगे तो इसका दुष्परिणाम सामने ही आएगा। वाणी मिली है तो इसका मतलब ये नही की किसी को कुछ भी बोल दें। बोलने से पहले सोचें और मीठा ही बोलें। इससे आपसी संबंध मजबूत होंगे। उन्होंने कहा कि जिंदगी के अंदर मनुष्य बहुत सक्कर खाता है लेकिन फिर भी उसकी जुबान मीठी नहीं हो पाती है। कड़वा बोलेगे तो कड़वा ही सुनने को मिलेगा। कड़वा अगर सुनना पसंद नही है तो कड़वा बोलना बंद कर देना चाहिए।