नागदा (निप्र)– महावीर भवन में महासती पूज्य दिव्य ज्योति जी मसा ने उत्तरा ध्यान के 15 वां और 16 वां अध्याय का विश्लेषण करते हुए गुरु भक्तों को कहा कि बचपन से लेकर पचपन तक जो इंसान जैसा कर्म करता है उसका इस जन्म में तो फल भुगतना ही पड़ता है लेकिन अगला जन्म भव भी पूर्व जन्मों के अनुसार मिलता है।
महासती नाव्या श्री जी ने कहा कि हमको धर्म तो करना ही चाहिए लेकिन कर्म करने से बचना चाहिये। यह जाने अनजाने कर्मों के बंधन में बंधे रहते हैं इसका फल अवश्य भुगतना पड़ेगा।
स्थानकवासी जैन समाज के मीडीया प्रभारी महेन्द्र कांठेड़ एवं नितिन बुडावनवाला ने बताया कि मधुर गायिका पूज्य महासती काव्या श्री जी के 22 वां एकसना मास खमण की कठिन तपस्या चल रही है अतिथि सत्कार का लाभ प्रकाश चंद्र राजेंद्र कुमार जैन लुणावत ने लिया । संचालन राजेंद्र कांठेड़ ने किया एवं आभार सतीश जैन सांवेर वाला ने माना। दोपहर में जैन काव्य गोष्ठी का आयोजन किया गया जिसमें कवियों ने काव्य पाठ किया।
जन्म जयंती पर गौशाला में गायों का स्वामी वात्सल्य करवाया
स्थानकवासी जैन समाज के जनसंपर्क अधिकारी प्रमुख एवं श्री महावीर गौशाला प्रमुख पारस जी पोखरना के 74 वे जन्मदिन के शुभ अवसर पर पाडल्या रोड स्थित गोपाल गौशाला में गायों की सेहत एवं बीमारियों से बचाव हेतु नाथद्वारा राजस्थान के 27 आयुर्वेदिक जड़ी बूटियों से युक्त पौष्टिक लड्डू गाय को खिलाया गया। इसके साथ सेवाभावी पोखरना जी ने सभी गायों को लापसी एवं हरे चारे का स्वामी वात्सल्य करवाया गया जिसमें काफी संख्या में नागरिक उपस्थित थे ।
श्री पोखरना जी जो नगर में गौ सेवक के रूप में प्रसिद्ध है विगत 5 वर्षों से महावीर गौशाला के माध्यम से प्रतिमाह नागदा के अनेक प्रतिष्ठानों पर जाकर निश्चित रुपया एकत्रित कर गायों की सेवा में लगा कर गायों के भोजन एवं बीमारियों से बचाव हेतु तथा उनकी अच्छी देखभाल की व्यवस्था मे लगन एवं मेहनत से अपना योगदान देते हैं।
दिनांक 16/10/2022
मीडिया प्रभारी
महेन्द्र कांठेड
नितिन बुडावनवाला