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जैन विश्व भारती संस्थान जिन शासन की विरासत : साध्वी डॉ मंगलप्रज्ञा

जैन विश्व भारती संस्थान जिन शासन की विरासत : साध्वी डॉ मंगलप्रज्ञा
जैन विश्व भारती संस्थान लाडनूं के कुलपति बच्छराज दुगड़ केएलपी अपार्टमेंट, पट्टालम में प्रवासित साध्वी डॉ मंगलप्रज्ञाजी के दर्शन किए। श्री दुगड़ ने कहा आचार्य श्री महाप्रज्ञजी ने जैन विद्या, दर्शन, आगम आदि अनेक विषयों में पारंगत, वरिष्ठ समणी पर्याय में स्थिति समणी मंगलप्रज्ञा को संस्थान का कुलपति बनाया। संस्थान में आपका योगदान यूनिक और विशिष्ट रहा। आपकी प्रशासनिक क्षमता, एकेडमिक क्षमता, शैक्षणिक क्षमता बेजोड़ है। विशेष रूप से मैंने देखा सम्पूर्ण संस्थान का प्रशासन करते हुए भी आप निस्पृह रही। आपके कार्यकारी अवदानों की सौरभ आज भी हर मन को सुवासित कर रही है। प्रकर्षभरा प्रशासन दिल-दिमाग पर अंकित है ।
साध्वी डॉ मंगलप्रज्ञाजी ने कहा- जैन विश्व भारती संस्थान आचार्यश्री तुलसी और आचार्यश्री महाप्रज्ञ की दी अनमोल विरासत है। इतिहास का दुर्लभ दस्तावेज है। वर्तमान में आचार्यश्री महाश्रमण इस विश्वविद्यालय के अनुशास्ता है। प्रधानमंत्री नरसिंहराव के कार्याकाल में इसे मान्य विश्वविद्यालय का दर्जा मिला। एक बार श्रवणबेलगोला में आयोजित इंटरनेशनल कॉफ्रेंस में चारुकीर्ति भट्टारक ने कहा था जो काम कोई नहीं कर पाए, वह आचार्य श्री तुलसीजी ने कर दिखाया। उन्होंने तक्षशिला और नालन्दा जैसा विश्वविद्यालय जैन शासन को दिया। साध्वीश्री ने आगे कहा मैं प्रारंभ से ही शैक्षणिक एकेडमिक, प्रोफेसर प्रबन्धन, प्रशासनिक रूप में संस्थान से जुड़ी रही। कुलपतिकाल में अनेक महत्त्वपूर्ण व्यक्तित्वों का सहयोग मिला। वर्तमान में श्री बच्छराजजी दुगड़ अपनी सेवाएं दे रहे हैं। संस्थान उँचाइयां प्राप्त करता रहे। प्राच्य एवं जैन विद्याओं का एकमात्र संस्थान विकास के नए आयाम खोले।
साध्वी डॉ राजुल प्रभाजी ने संस्थान से जुड़े अपने अनुभव सुनाते हुए कहा  लम्बे समय से कुलपति महोदय संस्थान के विकास के लिए श्रम का पसीना बहा रहे हैं। तेरापंथ सभाध्यक्ष  प्यारेलाल पितलिया ने कुलपति महोदय का चैन्नै पदार्पण पर स्वागत किया। साहुकारपेट तेरापंथ ट्रस्ट के मुख्यन्यासी श्री विमल चिप्पड़, तेरापंथ सभा के पुर्वाध्यक्ष अमरचन्द लूंकड़, धर्मचन्द लुंकड़ एवं अन्य संस्थाओं से जुड़े पदाधिकारियों ने जैन पट्ट एवं साहित्य द्वारा कुलपति का स्वागत किया। संचालन तेरापंथ महिला मंडल की पूर्वाध्यक्षा शांता दुधोड़िया ने किया। उपरोक्त जानकारी प्रचार प्रसार प्रभारी स्वरूप चन्द दाँती ने दी।

            स्वरुप चन्द दाँती
प्रचार प्रसार प्रभारी
श्री जैन श्वेताम्बर तेरापंथी सभा, चेन्नई

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