जैन पर्व पजुषन प्रति वर्ष धूमधाम से तपस्या और त्यागमय जीवन के साथ मनाया जाता है लेकिन जैन धर्म के अनेक सगठन पर्व पजुषन की तिथि और तारीख पर एक जुट न हो कर अलग अलग दिन मनाते है इस से जैन एकता और एकजुटता में कमी नजर आती है /
जैन धर्म के चार स्तम्भ दिगंबर श्वेताम्बर मूर्तिपूजक एवं तेरापंथ समाज देश और विदेश में भगवान महावीर के उपदेशो का प्रचार प्रसार कर रहे है लेकिन जैन पर्व पजुषन जैसे महान पर्व की आरधना के लिए एकजुट नहीं हो पाते है इस से आम जैन व्यक्ति हमेशा अपने धर्माचार्य और पंथ के अनुसार जैन पर्व मनाता है यही नहीं सभी जैन संघटन भिन्न भिन्न तरीको से जैन धर्म की परुपना करते है और अपने आचरण को ही शुद्ध मानते है अत सभी जैन धर्मचर्यो और संघटनो के पधादिकारियो को जैन एकता का परिचय देते हुए जैन पर्व पजुषन को एक दिन मनाने के साथ साथ सभी को राष्टीय छुट्टी घोषित कराने का प्रयास करना चाहिए /
यदि जैन पर्व पजुषन में सभी चारो समाज के धर्माचारी और सघठनो के पधादिकारी एक साथ पर्व की गौरव गाथा को दुनिया के सामने पस्तुत करे तो भगवान महावीर के उपदेश जन जन तक फैलाने में सहायक साबित होंगे और पूरी दुनिया में जैन समाज और अधिक मजबूती के साथ अपने अहिंसा रूपी धर्म का प्रचार प्रसार कर सकेगा संजय श्रीश्रीमाल यमबटूर