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जैन धर्म के भावी तीर्थंकर श्री कृष्ण जी का जन्मोत्सव भक्ति भाव से मनाया गया : अमन मुनि

जैन धर्म के भावी तीर्थंकर श्री कृष्ण जी का जन्मोत्सव भक्ति भाव से मनाया गया : अमन मुनि

Sagevaani.com /लुधियाना: एस. एस. जैन सभा जनता नगर ने विराजमान सेवा शिरोमणि पूज्य श्री आलोक मुनि जी महाराज साहब एवं वाणी भूषण श्री अमन मुनि जी महाराज साहब के पावन सानिध्य में श्री कृष्ण जन्माष्टमी का पर्व बड़ी ही धूम धाम से मनाया गया।

प्रवचन करते हुए श्री अमन मुनि जी महाराज साहब ने बताया कि मर्यादा पुरषोत्तम राम से जहा धर्म में मर्यादा आई वही श्री कृष्ण ने उसमे रस भर दिया उन्होंने संगीत दिया नृत्यगान दिया और जब व्यक्ति नृत्य करते करते थक जाता है तो आराम करना चाहता है तब महावीर का जन्म होता है महावीर भगवान ने हमे मौन की कला सिखाई, ध्यान की कला सिखाई शांत रहना सिखाया।

श्री कृष्ण भगवान ने कोई पूजा नही की, कोई पाठ नही किया, कोई जाप नही किया ना धूनी रमाई ना जटाएं रखी फिर भी वो विश्व पूजनीय हो जाता करते हैं।

श्री कृष्ण ने भले ही कोई पूजा, पाठ, तपस्या नही की फिर भी पूजे जाते है क्योंकि यदि उनके जीवन चरित्र को पढ़ा जाए समझा जाए तो आप पाएंगे कि उनका तो पूरा जीवन ही तपस्या में रहाl अरे जिसका जन्म ही जेल में हुआ जन्म लेते ही माता, पिता को छोड़ चले गए नंद बाबा के यहां महलों में रहने वाला झोपड़ी में रहा करते हैं।

जितनी तपस्या श्री कृष्ण ने की उतनी किसी ने नहीं की ओर न ही कोई कर पाएगा। श्री कृष्ण से सब कुछ छूटा माता पिता, घर, परिवार, मित्र, बंधु, सखा यहां तक कि राधा भी लेकिन फिर भी वो विश्व वंदनीय है क्योंकि चाहे कितना भी दुख आया लेकिन उनके चेहरे से मुस्कुराहट खत्म नहीं हुई।

कार्यक्रम के अंतर्गत छोटे छोटे बच्चो द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए गए भजन गायन हुआ। श्री संघ के पदाधिकारियों ने सभी बच्चो को उपहार देकर प्रोत्साहित किया। कार्यक्रम में प्रभावना श्री प्रमोद जैन परिवार की और से रही।गौतम प्रसादी श्री नरेश जैन परिवार की और से रही।

कार्यक्रम में अच्छी संख्या में भक्तगण मौजूद रहें।

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