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जैन एकता के लिए बाड़मेर सदैव याद रखा जाएगाः आचार्य वसुनंदी महामुनिराज

जैन एकता के लिए बाड़मेर सदैव याद रखा जाएगाः आचार्य वसुनंदी महामुनिराज

जन्म कल्याणक महोत्सव शोभायात्रा में उमड़ा आस्था का जनसैलाब

बाड़मेर। बाड़मेर शहर के महावीर चैक, कल्याणपुरा में नवनिर्मित दिगम्बर जैन मंदिर के प्रतिष्ठा हेतु जिनबिम्ब पंचकल्याणक महोत्सव का भव्य कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है। पंचकल्याणक महोत्सव एवं विश्व शांति महायज्ञ के तीसरे दिन कल्याणपुरा महावीर चैक में निर्मित अयोध्या नगरी में जन्मकल्याणक के अवसर पर सुबह श्री जिनेंद्र भगवान का मंगल अभिषेक एवं शांतिधारा का अनेक भक्तों ने धर्म लाभ लिया। आचार्य वसुनंदीजी महामुनिराज के ससंग मंगल सानिध्य में प्रतिष्ठाचार्य बाल ब्र. गुणाषीष भैयाजी के साथ अनेक भक्तों की उपस्थिति में सैकड़ों भक्तों ने अभिषेक किया।

जानकारी देते हुए पंचकल्याणक प्रतिष्ठा महा महोत्सव के प्रचार प्रसार संयोजक चन्द्रप्रकाष छाजेड़ एवं सहसंयोजक अषोक संखलेचा ने बताया कि राजस्थान, गुजरात सहित देश के अलग अलग राज्यों से भक्त पंचकल्याणक महोत्सव में आचार्य श्री से आशीर्वाद लेने पहुंच रहे हैं। रविवार को आदि कुमार भगवान के जन्मोत्सव पर इंद्र और इंदिरानियों ने भव्य नाटिका की प्रस्तुति देते हुए भक्ति भाव के साथ मंत्रमुग्ध होकर बहुत ही सुंदर नृत्य की प्रस्तुति दी। राज दरबार में सौधर्म इंद्र इंद्राणी के साथ बालक आदि कुमार को गोद में लेकर खुशी से झूम उठे। आज आदि कुमार के जन्मोत्सव पर महावीर वाटिका में निर्मित पांडुक शिला में सैकड़ों भक्तों ने आचार्य श्री के अमृत वचनों से भक्ति भाव के साथ मंगल अभिषेक किए। ऐसा लग रहा था कि जैसे भगवान का समवसरण धरती पर उतर आया है।

 

शोभायात्रा में उमड़ा आस्था का जनसैलाबः

इन मार्गों से गुजरी शोभायात्रा, जगह-जगह हुई पुष्पवृष्टि- रथयात्रा समिति के भुरचंद बोहरा व मदनलाल बोथरा ने बताया कि शोभायात्रा स्थानीय कल्याणपुरा महावीर चैक से प्रारम्भ होकर सुभाष चैक, ठेकेदार रिखबदास जैन मार्ग, आराधना भवन, प्रतापजी की पोल, जैन न्याति नोहरा की गली, पीपली चैक, ढ़ाणी बाजार, जूना केराड़ू मार्ग, महावीर सर्किल होते हुए भगवान महावीर वाटिका पहुंचकर धर्म सभा में परिवर्तित हुई। जहां पर पांडुक षिला पर सहस्त्र कलषों से जन्माभिषेक किया गया। आचार्य वृंद ने ससंघ महावीर वाटिका स्थिति भगवान महावीर स्वामी जिनालय के दर्षन-वंदन कर सकल जैन समाज को आषीर्वचन प्रदान किया। महावीर वाटिका में सकल श्रीसंघ का साधर्मिक वात्सल्य का आयोजन किया।

 ये रहे शोभायात्रा के मुख्य आकर्षण-

 जन्म कल्याणक शोभायात्रा में सबसे आगे बुलेट सवार, आॅपन जीप में परमात्मा की तस्वीर, शोभायात्रा बैनर, ढोल वादक, घोड़े पर सवार जैन ध्वज वाहक, ऐरावत हाथी पर सवार लाभार्थी परिवार, गैर नृत्य, पदमावती बैंड के मंगल ध्वनियों का वादन करते बैण्ड वादक, जिनशासन की जय-जयकार करते भक्तजन, दक्षिण भारत का प्रसिद्ध नृत्य कत्थक नृत्य मंडली, बालिका मंडल, महिला मंडल एवं श्रावक-श्राविकाऐं इस शोभायात्रा के मुख्य आकर्षण रहे। वहीं शहरभर में शोभायात्रा के आगे-आगे रंगबिरंगी रंगोलियों के माध्यम से भव्य स्वागत एवं अभिनंदन किया गया। शोभायात्रा में बैंड की धुन एवं ढ़ोल की थाप पर गुरूभक्त युवा वर्ग जगह-जगह पर झूमते नजर आये। शोभायात्रा का जगह-जगह पर श्रद्धालुओं द्वारा पुष्पवर्षा कर स्वागत किया गया। बाड़मेर नगर के इतिहास में प्रथम द्वारा श्वेताम्बर व दिगम्बर समाज की एकता को अपनी आंखों से निहार रहे थे।

आज सैकड़ों भक्तों ने आचार्य श्री को श्रीफल अर्पण करते हुए श्री जिनेंद्र भगवान के मंगल दर्शन किए और आचार्य श्री के पाद प्रक्षालन करते हुए मंगल आशीर्वाद ग्रहण किए। प्रवचन पश्चात आचार्य श्री के आहार चर्या का धर्म लाभ रत्नेष श्रीश्रीमाल परिवार ने अपने घर में आहार चर्या का सौभाग्य प्राप्त किया।

जैन एकता के लिए बाड़मेर सदैव याद रहेगाः मुख्य संयोजक मुकेष बोहरा अमन ने बताया कि आचार्य श्री वसुनंदी जी महामुनिराज ने सकल बाड़मेर जैन समाज को संबोधित करते हुए कहा जैनत्व की तीन पहचान है रात्रि भोजन त्याग, पानी छानकर पीना और अहिंसा का पालन करना। बाड़मेर की धर्मप्रेमी जनता ने इस प्रतिष्ठा महोत्सव में जैन एकता का परिचय देकर सम्पूर्ण भारतभर में अनूठे इतिहास का सर्जन किया है।

आचार्य श्री ने बुलन्द आवाज मेें महावीर वाटिका के मंच से कहा कि हम न श्वेताम्बर है, न दिगम्बर है, न स्थानकवासी है और न ही तेरापंथी है हम सर्वप्रथम जैन है। हमारा नवकारमंत्र एक है, हमारे तीर्थंकर एक है और हम सब भी एक ही है। हमारे पूजन पद्धति की क्रियाऐं भिन्न हो सकती है लेकिन लक्ष्य हमारा एक ही है। जिनमंदिर संस्थापक वीरेन्द्रकुमार जैन का अजमेर जैन समाज द्वारा अभिनंदन पत्र भेंट कर एवं जैन श्रीसंघ बाड़मेर द्वारा बहुमान किया गया। नूतन जिनालय में परमात्मा विराजमान करने का लाभ मंदिर संस्थापक वीरेन्द्रकुमार जैन, कलष स्थापित करने का लाभ नीरजकुमार कमलकुमार, सुनिलकुमार जैन व ध्वजा का लाभ कालीचरण देवेषकुमार जैन परिवार ने प्राप्त किया।

सोमवार को होगें ये कार्यक्रमः प्रातः 6.30 बजे अभिषेक, शांतिधारा, नित्मह पूजा, तपकल्याणक पूजा, हवन, प्रातः 9 बजे आचार्यश्री का मंगल प्रवचन, दोपहर 12 बजे महाराज नाभिराय का दरबार, विवाह की स्वीकृति, आदिकुमार की बारात, राज्याभिषेक, मुकुटबद्ध राजाओं द्वारा भेंट समर्पित, भरत-बाहुबली, ब्राह्मी सुन्दरी जन्म, षट्कर्म उपदेष, नीलांजना नृत्य, लोकान्तिक देवों का आगमन, भरत-बाहुबली आदि पुत्रों को राज्य विभाजन, वनगमन, दीक्षाभिषेक, दोपहर 3.30 बजे दीक्षा की क्रियाऐं, संस्कार नामकरण, सांय 6.30 बजे मंगल आरती व प्रवचन, सांस्कृतिक कार्यक्रम का मंचन किया जाएगा।

चन्द्रप्रकाश छाजेड

संयोजक, प्रचार-प्रसार

प्रतिष्ठा महोत्सव समिति, बाड़मेर।

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