आज सोमवार दिनांक 23 जनवरी 2023 माघ कृष्ण दूज को इतिहास मार्तण्ड सामायिक स्वाध्याय के प्रबल प्रेरक जैनाचार्य श्री हस्तीमलजी म.सा का 103 वां दीक्षा दिवस व साध्वी प्रमुखा महासतीजी श्री तेजकवरजी म.सा का 60 वां दीक्षा दिवस स्वाध्याय भवन साहूकारपेट चेन्नई में श्री जैन रत्न हितैषी श्रावक संघ तमिलनाडु के तत्वावधान में सामायिक स्वाध्याय दिवस के रुप में मनाया गया |
उपस्थित श्रदालुओं ने आचार्य हस्ती चालीसा के गान रुप में स्तुति की | गुणगाण रुप में आध्यात्मिक शिक्षण बोर्ड, जोधपुर के संयोजक श्री अशोकजी बाफना श्रावक संघ के श्रावक संघ के कोषाध्यक्ष श्री गौतमचंदजी मुणोत स्वाध्यायी श्रीमती पुष्पलताजी गादिया, वरिष्ठ स्वाध्यायी श्री चम्पालालजी बोथरा, धार्मिक अध्यापक श्री विनोदजी जैन ने आचार्यश्री हस्तीमलजी म.सा के जीवन काल की अनेक घटनाओं व उपकारों का उल्लेख करते हुए गद्य-पद्य के माध्यम से गुणानुवाद किए |
धर्म सभा में जोधपुर से पधारे हुए उपाध्याय पूज्यश्री मानचंद्रजी म.सा के सांसारिक भ्राता श्री महेन्द्रजी सुराणा ने रत्नवंश की दिव्य विभूतियों आचार्य हस्ती-हीरा-मान के चरित्रमय जीवन के अनेक संस्मरणों से गुणगाण किये |
श्री जैन रत्न हितैषी श्रावक संघ- तमिलनाडु के कार्याध्यक्ष आर नरेन्द्रजी कांकरिया ने इस सुप्रसंग तिथि माघ कृष्ण दूज पर तीर्थंकरों के पंच कल्याणक व रत्नवंश के चतुर्थ व छठे आचार्य की दीक्षा तिथि माघ माह का उल्लेख करते हुए आचार्य भगवन्त पूज्यश्री हस्तीमलजी म.सा के बाल्य काल में पीपाड़ पौशाल में शिक्षा, ह्रदय की करुणाशीलता, सन्त-सती मण्डल के सुयोग, संस्कृत व हिन्दी के शिक्षा गुरु द्वारा अध्यापन व दृढ़मय वैराग्य के विभिन्न संस्मरणो से लेकर अजमेर में आचार्य शोभाचंद्रजी म.सा के मुखारविंद से अपनी माता रुपादेवी सहित चार मुमुक्षुओं की दीक्षा के समय चरित्र आत्माओं के सानिध्य का चित्रण गुणगाण सभा मे रखते हुए चरित्र नायक आचार्य श्री हस्तीमलजी म.सा के चरित्रमय जीवन संबंधित प्रश्नोत्तरी का कार्यक्रम रखा और कहा कि आज की शुभ तिथि माघ कृष्ण दूज के दिन ही साठ वर्षों पूर्व जयपुर में साध्वी प्रमुखा श्री तेजकवरजी म.सा की दीक्षा आचार्यश्री के मुखारविन्द से हुई व उनके चरित्रमय जीवन का भी परिचय दिया |
धर्म सभा में श्री उछबराज जी गांग, श्री रुपराजजी सेठिया,श्री इंदरचंदजी कर्णावट,श्री अम्बालालजी कर्णावट, श्रीमती एन सुनीताजी मेहता,श्रीमती एन सुशीलाजी खींवसरा आदि सामायिक परिवेश में उपस्थित थे | उपस्थित श्रदालुओं ने जैन संकल्प, व्रत-नियम, प्रत्याख्यान आदि किये | वीरभ्राता श्री महेन्द्रजी सुराणा, जोधपुर ने मंगल पाठ सुनाया | तीर्थंकरों,आचार्य भगवन्तों,उपाध्याय भगवन्त,साध्वी प्रमुखा,चरित्र आत्माओं की जयजयकार के साथ गुणगाण सभा पूर्ण हुई |
प्रेषक :- श्री जैन रत्न हितैषी श्रावक संघ-तमिलनाडु 24/25-बेसिन वाटर वर्क्स स्ट्रीट, साहूकारपेट, चेन्नई