sagevaani.com /चेन्नई माघ शुक्ल दूज को सामायिक-स्वाध्याय के प्रबल प्रेरक अखण्ड बाल ब्रम्हचारी इतिहास मार्तण्ड चारित्र चूड़ामणि जैनाचार्य पूज्यश्री हस्तीमलजी म.सा. का 104 वां दीक्षा दिवस स्वाध्याय भवन,साहूकारपेट,चेन्नई में श्री जैन रत्न हितैषी श्रावक संघ,तमिलनाडु के तत्वावधान में स्वाध्याय दिवस के रूप में सामायिक साधना पूर्वक मनाया गया | वरिष्ठ स्वाध्यायी श्री लीलमचंदजी बागमार ने आचार्य हस्ती के गुणगान में स्वरचित स्तुति सुनाई | वीरभ्राता श्री आर. वीरेन्द्रजी कांकरिया ने जीव के 563 भेदों का विस्तृत विवेचन किया |
श्रावक संघ तमिलनाडु के कार्याध्यक्ष आर नरेन्द्रजी कांकरिया ने आचार्य हस्ती के चरित्रमय जीवन का परिचय धर्मसभा में रखते हुए दस मुण्डन के अंतर्गत पांच इंद्रियों व चार कषायों के नौ प्रकार के भाव मुण्डन व दसवें प्रकार के द्रव्य मुण्डन के अंतर्गत सिर के केश मुण्डन का आचार्य हस्ती के जीवन मे घटित होने का विस्तृत विवेचन किया और आचार्य हस्ती की दीक्षा दिवस तिथि पर आचार्य हस्ती के मुखारविन्द से दीक्षित वर्तमान में साध्वीप्रमुखा महासती श्री तेजकंवरजी म .सा. का 61 वां दीक्षा दिवस होने का सुअवसर व संयोग बताया | श्रावक के जीवन मे सामायिक और स्वाध्याय की आवश्यकता पर विशेष प्रेरणा के कारण सन्त-सतियों के चातुर्मास से वंचित सैंकड़ों क्षेत्रों में विशेष धर्माराधना आचार्यश्री हस्ती की दूरदृष्टिता का परिणाम हैं |
वरिष्ठ स्वाध्यायी श्री महावीरचन्दजी तातेड़ ने सामायिक स्वाध्याय के प्रबल प्रेरक आचार्य हस्ती के गुणगान किये |
श्री योगेशजी श्रीश्रीमाल ने जैन संकल्प करवाया | धर्म सभा में आचार्य हस्ती चालीसा व आचार्य हस्ती द्वारा रचित वैराग्यमय स्तुतियों व भजन सामूहिक रुप से पाठ किया गया | श्री रुपराजजी सेठिया,नवरतनमलजी चोरडिया व बालक मोक्ष चोरडिया की उपस्थिति प्रमोदजन्य रही | संकल्प,व्रत- नियम-प्रत्याख्यान के पश्चात श्री ररुपराजजी सेठिया के मांगलिक के संग दीक्षा दिवस जप-तप पूर्वक मनाया गया |