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जैनागमों मे वास्तु का विशद विवेचन : मुनि सुधाकर

जैनागमों मे वास्तु का विशद विवेचन : मुनि सुधाकर

ज्योतिष एवं वास्तु विद्या हमारी धरोहर : राज्यपा

वास्तु की वैज्ञानिक व्याख्या जरूरी : मुख्य न्यायाधीश

 माधावरम्, चेन्नई ; श्री जैन श्वेतांबर तेरापंथ माधावरम् ट्रस्ट एवं तेरापंथ युवक परिषद् के संयुक्त तत्वावधान एवं मुनि श्री सुधाकरकुमारजी के पावन सान्निध्य में आचार्य महाश्रमण तेरापंथ जैन पब्लिक स्कूल प्रांगण में स्वस्थ, सुखी एवं समृद्धि जीवन में जैन ज्योतिष एवं वास्तु की भूमिका के विषय पर प्रवचनमाला का आयोजन किया गया। इस अवसर पर मुख्य अतिथि तमिलनाडु के राज्यपाल श्री आर एन रवि, अति विशिष्ट अतिथि मद्रास हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश श्री मुनिश्वरनाथ भण्डारी, विशिष्ट अतिथि प्रवीन जैन मारवल टी चेयरमैन एवं छत्रसिंह बेगवाड़ी वास्तु एवं ज्योतिष विशेषज्ञ विशेष रूप से उपस्थित थे।

 विशाल धर्म परिषद् को सम्बोधित करते हुए मुनि श्री सुधाकरकुमारजी ने कहा – भारतीय संस्कृति एक प्राणवान संस्कृति है। जीवन के सम्यक् निर्माण के अनेकों रंगों से भरी है। इसकों उन्नत बनाने के लिए ऋषि मुनियों ने स्वयं साधना-आराधना कर हमें सद् मार्ग बताया। विविध परम्पराओं में जैन, वैष्णव, बौद्ध परम्पराओं का जन मानस पटल विशेष प्रभाव पड़ा हुआ है। सभी अपने-अपने आराधना के रास्ते पर चलते हुए भी, मूल में सभी का एक ही लक्ष्य है कि व्यक्ति स्वयं आत्मा से परमात्मा बने, वह सामाजिक जीवन भी सुखी और शांति से जीये। सभी परम्पराओं ने अपने तरीकों से विभिन्न राहें भी बताई। उन्हीं परम्पराओं में से एक है जैन परम्परा। वर्तमान में भगवान ऋषभदेव से यह परम्परा चली आ रही है। अभी हम भगवान महावीर की शासना में अध्यात्म की राह पर चल रहे हैं। मुनिश्री ने बहुत ही सुन्दर ढ़ग से जैन आगमों के प्रमाण के साथ बताया कि वास्तु की भूमिका में द्रव्य, क्षेत्र, काल और भाव पर भी ध्यान देना अनिवार्य हैl हम जैन ज्योतिष एवं वास्तु के आधार पर स्वस्थ, सुखी एवं समृद्धि दायक जीवन जी सकते है।

    मुनि प्रवर ने सरल भाषा में बताया कि वास्तु विद्या का गहन सम्बन्ध दसों दिशाएं एवं पांचों तत्व जल, अग्नि, पृथ्वी, वायु और आकाश के साथ है। आपने वास्तु के विभिन्न बिन्दुओं को रेखांकित करते हुए बताया कि हम अपने स्वभाव एवं व्यवहार से रिश्तों में मधुरता, पवित्रता एवं सुदृढ़ता भर सकते हैं। उज्जवल भविष्य की राह को उन्नत बना सकते हैं। परिवार में प्रेम, सौहार्द और सामंजस्य को बढ़ा सकते हैं। मानसिक आनंद, प्रसन्नता एवं आरोग्यता को प्राप्त कर सकते है। अनेकों अहिंसक एवं आध्यात्मिक प्रयोग बताएं, जिनसे भाग्योदय का जागरण हो सकेl

   जैन धर्म वैज्ञानिक धर्म : राज्यपाल

  मुख्य अतिथि महामहिम राज्यपाल ने कहा – अध्यात्म जीने की कला सिखाता हैl भौतिकवाद पर अध्यात्मवाद का अंकुश होना चाहिएl कोरी भौतिकता विनाश और पतन का कारण होती हैl राज्यपाल ने जैन सिद्धांतों और आदर्शो की विस्तार से चर्चा करते हुए कहा कि अहिंसा, अनेकांतवाद, अपरिग्रह मानव जीवन के हर समस्या का समाधान देता हैl जैन धर्म वैज्ञानिक धर्म हैl ज्योतिष एवं वास्तु पर मुनिश्रीजी ने जो छोटी-छोटी बातें बताई, उन बातों को अपनाकर हम अपने जीवन को संवार सकते हैंl

राज्यपाल ने आगे कहा कि मेरे अनेक जैन बंधु और अधिकारी निकटतम मित्र है, किंतु मुझे जैन संतों का सान्निध्य बहुत कम मिलता हैl आज इस सान्निध्य को पाकर मैं अपना भी सौभाग्य मानता हूं। अब तो मुझे मुनिश्री के दर्शन मिलते रहेंगेl मुझे बताया गया कि 2018 में इसी प्रांगण में आचार्य श्री महाश्रमणजी का चातुर्मास हुआ था, उन जैसे महापुरुष का चातुर्मास हो तो वह स्थान तो स्वतः तीर्थ बन जाता हैl

 ज्योतिष एवं वास्तु से होता धर्म का नया प्रकाश : मुख्य न्यायाधीश

अति विशिष्ट अतिथि मुख्य न्यायाधीश मुनीश्वरनाथजी भंडारी ने कहा वास्तु, विज्ञान के साथ जुड़ा हैl वास्तु के साथ विज्ञान को जोड़कर इसकी व्याख्या करना वर्तमान की जरूरत हैl ज्योतिष एवं वास्तु से अंधविश्वास नहीं, धर्म का नया प्रकाश प्रकट होना चाहिएl

  कार्यक्रम का शुभारंभ तमिल गान के साथ हुआl मंगलाचरण परमार परिवार की बहनों ने कियाl स्वागत भाषण श्री जैन श्वेतांबर तेरापंथ माधावरम् ट्रस्ट के प्रबंध न्यासी घीसुलाल बोहरा ने एवं आभार ज्ञापन कार्यक्रम संयोजक प्रदीप सुराना ने कियाl कार्यक्रम का कुशल संचालन प्रेक्षिता संकलेचा ने कियाl अतिथियों का सम्मान कार्यक्रम के प्रायोजक परमार परिवार ने कियाl राष्ट्रीय गान के साथ कार्यक्रम का समापन हुआ। कार्यक्रम की सम्पन्नता के बाद राज्यपाल महोदय ने मुनि श्री से विविध समसामयिक विषयों पर बातचीत की और पुनः शीघ्र ही मुनिश्री के दर्शन करने की इच्छा जाहिर की। आपने “मुनि श्री को राजभवन में पधारने का निवेदन किया।” इस अवसर पर अनेकों जैन और जैनेत्तर बन्धुओं, पत्रकार बन्धुओं ने सहभागिता दर्ज करवाई और कार्यक्रम की सराहना की।

  समाचार सम्प्रेषक : स्वरूप चन्द दाँती

  मीडिया प्रभारी : श्री जैन श्वेताम्बर तेरापंथ माधावरम् ट्रस्ट, चेन्नई

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