Sagevaani.com @Chennai। धर्म की रक्षा का पर्व है रक्षा बंधन । बुधवार साहूकार पेठ श्री एस.एस.जैन भवन के मरूधर केसरी दरबार मे महासती धर्मप्रभा ने रक्षा बंधन पर श्रध्दांलूओ और रक्षा सूत्र बांधने वाले सभी भाई बहनों को महामंगल पाठ देतें हुए कहा कि यह पर्व अकेले भाई बहन का पर्व नहीं है। रक्षा सूत्र बांधकर हम धर्म की रक्षा का,राष्ट्र की रक्षा का,समाज की रक्षा का और सब जीवों की हम रक्षा का संकल्प लेते है। तो हमारा रक्षाबंधन मनाना सार्थक हो सकता है। आज का दिन सामान्य बंधन का दिन नहीं है, प्रेम के बंधन का दिन है। यह बंधन वात्सल्य का प्रतीक है। रक्षा-बंधन अर्थात् रक्षा के लिए बंधन,जो आजीवन चलता है।उत्साह के साथ यह बंधन होकर भी हमारी मुक्ति में सहायक है। क्योंकि यह प्राणी मात्र की रक्षा के लिए संकल्पित करने वाला बंधन है।
रक्षाबंधन आज एक ओपचारिकता का बंधन बनकर रह गया है । मनुष्य बाहर से मधुर और भीतर से कटु, ऐसा रक्षा-बंधन नहीं होना चाहिए। हमारे द्वारा संपादित कार्य बाहर और भीतर से एक समान होने चाहिए। रक्षा-बंधन को सच्चे अर्थों में मनाना है तो हमे अपने भीतर करुणा को जाग्रत करके इस अनमोल रक्षा बंधन के रिश्ते को निस्वार्थ भाव से भाई अपनी बहन की रक्षा का फर्ज अदा करता और बहन अपने स्वार्थ को त्यागकर अपने भाई को समर्पण और प्रेम से जो राखी बांधती है तो यह बंधन जीवन मै कभी नहीं टुटने वाला है।
साध्वी स्नेहप्रभा ने कहा कि सभी के प्रति मैत्री भाव इसका नाम है रक्षा-बंधन। रक्षा-बंधन पर्व सिर्फ एक दिन के लिए ही नहीं है, हमारे वात्सल्य, करुणा और रक्षा के भाव जीवन भर बने रहें, इन शुभ संकल्पों को दोहराने का यह स्मृति दिवस है राखी का त्यौहार।
साहूकार पेठ के कार्याध्यक्ष महावीर चन्द सिसोदिया ने बताया कि सभी बहनों अपने भाईयो कि कलाई पर राखी बांधने से पूर्व श्री संघ के अध्यक्ष एम.अजितराज कोठारी महामंत्री सज्जनराज सुराणा,माणकचन्द खाबिया,हस्तीमल खटोड़,सुरेश डूंगरवाल ,महावीर कोठारी,सुभाषचंद कांकलिया,बादलचन्द कोठारी, जितेन्द्र भंडारी,जैन संस्कार मंच के तारेश बेताला, अजित कोठारी एवं जैन संस्कार महिला मंडल राखी गोलेच्छा तथा रक्षाबंधन के लाभार्थी परिवार शांतिलाल दरड़ा आदि सभी उपस्थित मे महासती धर्मप्रभा ने सभी को महामंगल पाठ सुनाया और सभी ने जीवों की रक्षा करने का रक्षाबंधन पर संकल्प लियें।
प्रवक्ता सुनिल चपलोत
श्री एस. एस. जैन संघ साहूकार पेठ चैन्नाई