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जीवन व्यवहार में सत्य का प्रयोग करें: मुनि रमेश कुमार

जीवन व्यवहार में सत्य का प्रयोग करें: मुनि रमेश कुमार

चेन्नई. ट्रिप्लीकेन स्थित तेरापंथ भवन में मुनि रमेश कुमार के सान्निध्य में पर्यूषण पर्व का चौथा दिन वाणी संयम दिवस के रूप में मनाया गया। इस मौके पर मुनि रमेश कुमार ने कहा- सत्य को सभी धर्म-दर्शनों ने स्वीकार किया है। सत्य और अहिंसा को अलग-अलग नहीं किया जा सकता। सत्य को भगवान व ब्रह्म भी कहा है।

लोक में सार भूत तत्व भी सत्य को ही माना है। धार्मिक साहित्य सत्य की गौरव गाथाओं से भरे हैं, परन्तु जीवन व्यवहार में सत्य होना चाहिए। सच्चा धार्मिक वही कहलाता है जो सत्य को जीवन व्यवहार में अपनाता है।

सत्य के मार्ग पर चलने वाला इस इहलोक और परलोक से भयभीत नहीं होता। वह अपने जीवन व्यवहार से सबको अभय दान देता है। गृहस्थ को धर्मस्थल और धर्म गुरुओं के सामने असत्य भाषा का प्रयोग कभी नहीं करना चाहिए।

मुनि सुबोध कुमार ने कहा जो उत्तम विचारों का धनी है वह जीवन में आगे बढ़ता है । विचारों की पहचान वाणी और व्यवहार होती है। संयम से बोलना भी मौन है।

जिसे बोलना नहीं आता वह अपने घर के वातावरण को बिगाड़ लेता है। कटु वाणी के प्रयोग से महाभारत जैसा भयंकर युद्ध हुए। इसलिए सदा बोलने से पहले शब्दों को तोलना चाहिए।

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