साध्वी अणिमाश्री के सान्निध्य में तेरापंथ सभा भवन में अणुव्रत समिति के तत्वावधान में जीवन विज्ञान दिवस के रूप में अणुव्रत उद्बोधन सप्ताह के दूसरे दिन का आयोजन हुआ। इस अवसर पर श्रीमती रिंकी बैद के मासखामण तप अनुमोदना का भी कार्यक्रम हुआ। साध्वी श्री अणिमाश्री ने फरमाया आचार्य श्री महाप्रज्ञजी के चिंतनशील मस्तिष्क की उपज है – जीवन विज्ञान। उनके आत्म चिंतन से उपजा क्रांतिकारी चितंन है – जीवन विज्ञान।शिक्षा के दो महत्वपूर्ण घटक है ग्रहण और अभ्यास। आज अभ्यास पक्ष गौण हो रहा है। जीवन विज्ञान सर्वागीण शिक्षा पद्धति है। जीवन विज्ञान जीने की कला सिखाता है।
जीवन विज्ञान के प्रयोगों द्वारा अपने संवेगो पर नियंत्रण करके जीवन स्तर को संमुन्नत बना सकते हैं। श्रीमती रिंकी बैद मासखामण तप लेकर आई है। इस पावस का यह पांचवा मासखामण है और चार मासखामण अभी चल रहे हैं। तपस्या जैन धर्म का प्राण तत्व है। तपस्या के द्वारा तन, मन एवं भावों की शुद्धि होती हैं। तपस्या तन को स्वस्थ, भावों को पवित्र एवं मन को निर्मलता प्रदान करती है। अटूट आत्मबली, मनोबली तथा संकल्पबली व्यक्ति ही तप के क्षेत्र में गतिमान हो सकता हैं। दुबली पतली रिंकी बैद ने छोटी अवस्था में मासखामण कर हिम्मत का परिचय दिया। परिवार के सहयोग से आज लक्ष्य तक पहुंची है।
तप के प्रति रुचि निरंतर बढ़ती रहें मंगल कामना। साध्वी कर्णिकाश्री, साध्वी डॉ सुधाप्रभा, साध्वी समत्वयशा, साध्वी मैत्रीप्रभा ने तप अनुमोदन गीत का संगान किया। सुश्री याशिका खटेड़ ने जीवन विज्ञान की व्याख्या करते हुए प्रयोगों के द्वारा परिषद् को जोड़ा। डी भरत मरलेचा ने संचालन किया।
तेरापंथ सभा के निवर्तमान अध्यक्ष विमल चिप्पड़ ने सभा की ओर से अभिनंदन करते हुए श्रद्धेय महाश्रमणीजी के संदेश का वाचन किया। संगठन मंत्री राजेंद्र भंडारी ने तप कार्यक्रम का संचालन किया। अध्यक्ष प्यारेलाल पितलिया, अणुव्रत समिति अध्यक्ष ललित आंचलिया, अशोक बरडीया, रायचंद जैन ने तपस्वी बहन का स्वागत सम्मान किया। उद्बोधन सप्ताह के आज के प्रायोजक पारसमल प्रवीणकुमार गांधी थे।
द्वितीय चरण में एकेल एसोसिएट्स चार्टर्ड अकाउंटेंट के ऑफिस में जीवन विज्ञान सेमिनार रखा गया। जिसमें करीब सवा सौ लोगों ने भाग लिया। अणुव्रत समिति चेन्नई के अध्यक्ष श्री ललित आंचलिया ने स्वागत भाषण दिया। हरीश भंडारी टर्नर ने सभी को जीवन विज्ञान का प्रशिक्षक दिया। जिसकी उपस्थित जन प्रतिनिधियों ने भूरी भूरी प्रशंसा की और इसे आगे भी अपने जीवन में प्रयोग करने का संकल्प किया। एसोसिएट्स के पार्टनर विशाल का अणुव्रत समिति के अध्यक्ष श्री ललित आंचलिया, कार्यकारिणी सदस्या सुभद्रा लुणावत और हरीश भंडारी ने साहित्य द्वारा सम्मान किया। इस अवसर पर अखिल भारतीय तेरापंथ प्रोफेशनल फॉर्म हुनर के राष्ट्रीय संयोजक अनिल लुणावत भी उपस्थित थे, जिनका विशेष सहयोग रहा। कार्यक्रम का संचालन एवं धन्यवाद ज्ञापन जीवन विज्ञान के संयोजक डी.भरत मरलेचा ने किया।
स्वरुप चन्द दाँती
प्रचार प्रसार प्रभारी
श्री जैन श्वेताम्बर तेरापंथी सभा, चेन्नई