जिस प्रकार काँटो के बीच में गुलाब का फूल सबका ध्यान आकर्षित करता है उसी प्रकार एक ईमानदार व्यक्ति समाज में लोगों का ध्यान आकर्षित करता है, समाज मे एक अच्छा उदाहरण प्रस्तुत करता है। ऐसे लोगों का सभी सम्मान करते हैं, उनकी बातें मानते हैं और उनका अनुसरण करते हैं।
उपरोक्त बातें आचार्य श्री देवेंद्रसागरसूरिजी ने नोर्थटाउन के श्री सुमतिवल्लभ जैन संघ में प्रवचन देते हुए कही। वे आगे बोले कि ईमानदार व्यक्ति न केवल मानसिक बल्कि शारीरिक रूप से भी स्वस्थ रहता है वह सभी प्रकार की चिंताओं परेशानीयों से दूर रहता है। जब हमारा मन शांत और स्वस्थ हो तो हम बीमारियों से मुक्त रहते हैं। ईमानदार व्यक्ति समाज में उचित स्थान प्राप्त करते हैं लोग उन्हें, ऐसे लोगों पर विश्वास करते हैं और उनका आदर करते हैं। ऐसे व्यक्तियों से सभी संबंध बनाकर रखना चाहते हैं। जीवन विकास के सभी गुणों में ईमानदारी एक सर्वोत्तम गुण है। जीवन में इस गुण की वजह से कई परेशानियों का हल मिल जाता है। ईमानदारी जीवन को शांति और सफलता की ओर ले जाता है।
ईमानदारी जीवन में बहुत अधिक विश्वास और सराहना प्रदान करता है। सादगी के साथ एक ईमानदारी से घर और समाज में एकरूपता आती है। ईमानदारी एक ऐसी संपत्ति है, जो शांतिपूर्ण जीवन और गरिमा के साथ सफलता हासिल करने में मदद करती है। ईमानदारी से व्यक्ति को जीवन में आवश्यक चीजों पर ध्यान केंद्रित करने में मदद मिलती है। ईमानदार व्यक्ति ज़िंदगी के किसी भी क्षेत्र में असफल नही होता। ईमानदारी सबसे अच्छी नीति है क्योंकि इसकी वजह से ही महान लोगों ने आम लोगों का विश्वास जीतकर महान साम्राज्य बनाया।
ईमानदार होना थोड़ा कठिन और कठिन है लेकिन यह बहुत आगे जाता है और हमें लाभ पहुंचाता है। बेईमान होना आसान है लेकिन बहुत ही कम समय का होता है और जीवन को कष्टदायक बना देता है। आचार्य श्री आगे बोले कि बेईमान लोग परिवार के साथ-साथ समाज में भी अपना सम्मान खो देते हैं। झूठ बोलने वाला रिश्तों को बर्बाद कर देता है और लोगों का विश्वास खो देता है। अक्सर देखा जाता है कि लोग स्थितियों को बचाने के लिए झूठ बोलते हैं। ऐसा करके वे स्थिति को और भी खराब कर देते हैं। ईमानदारी ही सफलता का साधन है और जीवन की सभी परिस्थितियों पर विजय पाने का हथियार है।