तत्व चिंतक श्री विजयश्रीजी म सा ने आज प्रवचन में विवाह समारोह में रात्रि भोज नहीं रखना। खाने में जमीकंद का उपयोग नहीं करना, खाना बनाने वालों से विवेक रखने का आग्रह करने के बारे में बतलाया।
आशुकवि पूज्या गुरूवर्या श्री कमलेशजी म सा ने आज व्यावहारिकता के बारे में प्रवचन दिया। जीवन मे व्यवहारिकता का होना अनिवार्य हैं। सामने वाले कि सुनना, जरूरत हो तो ही बोलना। किसी की निंदा नहीं करना। किसी के झगड़े में साधु- साध्वी के आना, बन्द नहीं करना। परिवार के साथ भोजन करना।
पूज्या गुरूवर्या प्रवचन में प्रतिदिन आनन्द सेठ का चारित्र धारावाहिक आगे बढ़ा रही हैं। श्री संघ में आयम्बिल की लड़ी, नवकार जाप, प्रश्न श्रृंखला अनवरत चल रहा हैं।
आज का प्रश्न:
मनुष्य गति के कौनसे जीव कम आहार करते हैं, किन्तु तपस्वी नहीं कहलाते?