चेन्नई. उपप्रवर्तक विनयमुनि और गौतममुनि सोमवार को साहुकारपेट के सिंघवी भवन से विहार करते हुए नेमिचंद नरेंद्र कुमार कोठारी के निवास स्थान तोंडियारपेट पहुंचे। इससे पहले नम आंखों के साथ साहुकारपेट के लोगों ने गुरुभगवंतों को विदाई दी। तोंडियारपेट में प्रवचन के दौरान सुशीलाबाई बोहरा, जिन्होंने संथारा लिया था, के निधन होने पर श्रद्धांजलि अर्पित की गई।
इस दौरान गौतममुनि ने कहा सुशीलाबाई ने अपना जीवन संतों और तपस्वियों के सेवा में लगाया था। वे बहुत ही सरल स्वाभाव के साथ एक आदर्श श्राविका थी। उन्होंने कहा जीवन में सफल वही होता है जो अपने अच्छे व्यवहार से दूसरों को खुश करने का कार्य करता है। किसी के साथ भी गलत व्यवहार नहीं करना चाहिए।
अगर मनुष्य आज किसी के साथ गलत व्यवहार करने की कोशिश करता है तो निश्चय ही आने वाले दिनों में उसके साथ भी वैसा ही व्यवहार होने लगता है। लेकिन फिर लाख पछतावा करने के बाद भी कुछ हासिल नही हो पाता है। जीवन में धर्म के कार्यो से जुड़ कर सरल बनने का प्रयास करना चाहिए।