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ज्ञान वाणी

जीवन में सफलता के लिए सामायिक और स्वाध्याय जरूरी

जीवन में सफलता के लिए सामायिक और स्वाध्याय जरूरी

चेन्नई. साहुकारपेट जैन भवन में विराजित उपप्रवर्तक गौतममुनि ने कहा जीवन में सफलता के मार्ग पर जाने के लिए सामायिक और स्वाध्याय करना बहुत ही जरूरी होता है। गुरु भक्ति मनुष्य को ऊंचाई पर ले जाने वाली होती है। इसे ध्यान में रखते हुए अपने जीवन को गुरु चरणों में समर्पित करना चाहिए।

संयम और श्रद्धा का पाठ सुनकर मन में जीवन को बदलने का विचार आता है। उन्होंने कहा मनुष्य को राग-द्वेष छोडक़र मन में क्षमा भाव रखते हुए सही मार्ग पर पहुंचने का प्रयास करना चाहिए। अपने दोषों की शुद्धि के लिए स्थानक जाकर गुरु के ज्ञान जाने से जीवन में से प्रकाश होगा। उन्होंने कहा कि मोक्ष के मार्ग का अनुसरण करने से ही जीवन का कल्याण संभव है।

परमात्मा की दिव्यवाणी का श्रमण करने के लिए देवलोक के देवता भी अपने सारे सुख को छोडक़र आते है। यह सिर्फ परमात्मा के प्रति अहोभाव आने पर ही संभव  है। मनुष्य को भी अपने दिखावे के सुख को छोडक़र परमात्मा की वाणी का श्रमण करना चाहिए। दिल में धर्म जाग्रत होने पर मनुष्य की आत्मा अनंत कर्मो की निर्जरा करती है।

सागरमुनि ने कहा गुरुभगवंतों के दर्शन मात्र से ही जीवन में बदलाव आने लगता है। अगर उनके जिनवाणी का श्रमण किया जाए तो जीवन सफल हो सकता है। उसके लिए सबसे पहले ज्ञान प्राप्त करने की जरूरत हैं। ऊंचाई पर जाने के लिए विचार करने से कुछ हासिल नहीं होता बल्कि प्रयास करते रहने की जरूरत है। प्रयास करने पर ही जीवन सफल हो पाता है। इस मौके पर संघ के अध्यक्ष आनन्दमल छल्लाणी एवं अन्य पदाधिकारी उपस्थित थे। मंत्री मंगलचंद खारीवाल ने संचालन किया।

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