हमारे भाईन्दर में विराजीत उपप्रवृत्तिनि संथारा प्रेरिका सत्य साधना ज गुरुणी मैया आदि ठाणा 7 साता पूर्वक विराजमान हैl वह रोज हमें प्रवचन के माध्यम से नित नयी वाणी सुनाते हैं वह इस प्रकार हैंl
बंधुओं याद रखिए जीवन में मान पाने के लिए नहीं देने के लिए होता हैl इसे औरों को दे कर खुश हुई है जीवन में सम्मान पाने की कोशिश करेंl
जो व्यक्ति सम्मान पाने की ख्वाहिश रखता है
वही अपमानित होता हैl जिसके भीतर सम्मान पाने की आकांक्षा नहीं है वह कभी अपमानित नहीं हो सकताl आप कितने भी महान क्यों न हो लेकिन छोटे से छोटे व्यक्ति का अभिमान करना सीखिए
अगर आप किससे मीटिंग में बैठ कर बैठे हैं और एक अदना सा व्यक्ति किसी संस्था या संगठन का अध्यक्ष या मंत्री है लेकिन वह तो आपका कर्तव्य है आप खड़े होकर उसका सम्मान करेंl ऐसा करके आप जो भी आपके द्वार पर आए उसे सम्मान देl
फिर चाहे वह आपका शत्रु ही क्यों ना हो फ्रांस के सम्राट हेनरी अपनों के साथ राजमार्ग से जा रहे थे उन्होंने देखा एक भिखारी सड़क पर खड़ा हैl राजा को देखकर वह सड़क पर खड़ा हो गया, राजा के निकट आने पर उसने अपनी टोपी उतारी और राजा को प्रणाम कियाl
सम्राट ने जब यह देखा तो वह अधिकारियों के साथ 5 सेकंड के लिए वही खड़ा हो गया उन्होंने भी अपनी टोपी और भिखारी को प्रणाम करते हैंlउ दाहरण नहीं छोड़ना चाहते हैं तो किसी को नहीं जानता इसलिए याद रखेंl लेकिन सबसे पहले मनुष्य और मनुष्य होने के नाते एक दूसरे का सम्मान होता हैl अगर सभी ऐसा करेंगे तो जिंदगी बहुत सुखमय बन जाएगीl
जय जिनेंद्र जय महावीर♻️♻️