हमारे भाईन्दर में विराजीत उपप्रवृत्तिनि संथारा प्रेरिका सत्य साधना ज गुरुणी मैया आदि ठाणा 7 साता पूर्वक विराजमान हैl वह रोज हमें प्रवचन के माध्यम से नित नयी वाणी सुनाते हैं, वह इस प्रकार हैंl
बंधुओं जैसे कि जीवन में जलाए आत्म जागरण का दीप मेरी प्रभु जीवन के अच्छेयों को बाद में देखना पहले बुराइयों का सामना तो कर लो जीवन में जो अंधकार समय है उसे रख लो अस्त प्रवृत्तियों को भली-भांति पहचान लो ऐसा कर लेने पर संसार में रहकर भी तुम आनाशक्त जीवन की सकोगेl अनासक्ति जीवन शरीर संबंध के साथ नहीं है और नहीं लाल पीले सफेद वस्तुओं के साथ हैl इन श्वेत वस तोको धारण करके भी व्यक्ति आ सकती के कीचड़ में जी सकता हैl इन रंगीन वेस्टन के साथ भी व्यक्ति आना शक्ति योगी हो सकता है संसार में ऐसे जियो जैसे कीचड़ में कमल पैरभले ही संसार में हो पर मस्तिक आकाश में रहना चाहिएl
आपने देखा व्यक्ति 70 वर्ष का हो जाए तब भी मेरा तेरा जारी रहता है जब तक मेरा तेरा जीवित रहेगा अनशक्ति की जहां न जीवन में धर्म के नाम पर चाहे जो कुछ कर लेना पर अगर भीतर से निरबिता आना शक्ति ना जागी तो दृत में भटको रह जाओगेl ब्रह्म स्वरूप में वही साधक प्रवेश कर पता है जो अनासक्तिसकते हैं अनशक्ति ही साधना का प्रथम और अंतिम चरण है एवं शरद पूर्णिमा का भी रखा गयाl जागरण में भी 500 से अधिक लोगों ने पार्टिसिपेट किया एवं नव पद जी की ओली आराधना में भी सो लोगों ने लाभ लियाl
इन्हीं शुभ भावों के साथ जिनेंद्र, जय महावीर, कांता सिसोदिया, भयंदर🌺🌺🌺