Share This Post

Featured News / ज्ञान वाणी

जीवन में उम्र का नहीं कार्य का महत्व

जीवन में उम्र का नहीं कार्य का महत्व

चेन्नई. साहुकारपेट के जैन भवन में विराजित साध्वी सिद्ध्र्र्रिसुधा ने कहा कि अनमोल जीवन के महत्व को समझ कर जीवन को बदल लो वरना अंत समय मे चाह कर भी कुछ नहीं किया जा सकतां। जीवन रहते जीवन की वैल्यू समझने वाले समय को सार्थक कर लेते हैं।

साध्वी सुविधि ने कहा अगर मनुष्य अपनी दृष्टिकोण को सही रखेगा तो उसके विचार भी सही होंगे। दुनिया में आने वाला प्रत्येक मनुष्य जी रहा है। कोई 40 साल तो कोई 90 साल तक जीता है। जीना महत्व नहीं रखता, बल्कि कैसे जी रहे हैं यह्र महत्वपूर्ण है।

कुछ लोग 90 साल और उससे ऊपर भी जी कर समय बर्बाद कर लेते हैं और कोई 16 वर्ष की उम्र में ही जीवन का कल्याण कर लेता है। काम भले ही एक हो लेकिन नजरिया अलग हो। अगर दूसरे लोगों से हट कर विचार होगा तो जीवन में कल्याण हो जाएगा।

भले ही पत्थर तोड़ो लेकिन दृष्टिकोण सही रखो। जीवन अनमोल है इसे जितना हो सके सार्थक कर लेना चाहिए। जीवन में उम्र का महत्व नहीं होता, महत्व तो मनुष्य के कार्य का होता है। जीवन में बदलाव किया जा सकता है तो मनुष्य इसे बदलने की कोशिश नहीं कर रहा है।

जीवन गंगा नदी में डुबकी लगाने से पवित्र नहीं होता बल्कि दृष्टि बदलने से पवित्र बनता है। दृष्टि से दूसरों के गुण और अपने भीतर की दोष को देखना चाहिए।

मनुष्य को गुणी दृष्टि से आगे जाना चाहिए। सामूहिक रक्षाबंधन समारोह 15 अगस्त को होगा धर्मसभा में मोहनलाल कांकरिया, शांतिलाल दरडा, थानमल छाजेड़ भी उपस्थित थे।

Share This Post

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You may use these HTML tags and attributes: <a href="" title=""> <abbr title=""> <acronym title=""> <b> <blockquote cite=""> <cite> <code> <del datetime=""> <em> <i> <q cite=""> <s> <strike> <strong>

Skip to toolbar