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ज्ञान वाणी

जीवन में आनंद की अनुभूति के लिए उदारता का गुण बेहद जरुरी है : कपिल मुनि

जीवन में आनंद की अनुभूति के लिए उदारता का गुण बेहद जरुरी है : कपिल मुनि
चेन्नई : यहाँ मैलापुर में बाजार रोड स्थित जैन स्थानक में  शनिवार को क्रांतिकारी संत श्री कपिल मुनि जी म.सा. के पहुँचने पर स्थानीय संघ पदाधिकारी गण व सदस्यों ने मुनि श्री की अगवानी करके स्वागत किया  । इस मौके पर आयोजित   प्रवचन सभा के दौरान  मुनि श्री ने कहा  कि स्वयं के जीवन पथ को आलोकित करने के साथ दूसरों की जिंदगी की राहों को रोशन करना दरअसल जिन्दगी का महत्वपूर्ण कार्यक्रम है ।
प्रत्येक इंसान को अपनी गिरेबां में झांककर देखना चाहिए कि मैं औरों की जिंदगी में सहायक बन रहा हूँ या बाधक । जब भी व्यक्ति अपने आपको आगे बढ़ाने के बजाय दूसरों को पीछे खींचता है तो उस इंसान के भीतर सृजन की शक्ति नहीं बल्कि विध्वंस की शक्ति काम कर रही होती है । विध्वंस की शक्ति सक्रिय होने पर इंसान हैवान बन जाता है ।
 जीवन को क्षति पहुंचाने वाले दुर्गुणों की चर्चा करते हुए मुनि श्री ने कहा कि कृपणता एक ऐसा दुर्गुण है जो जीवन में उदारता के गुण को प्रकट नहीं होने देता । जहाँ उदारता है वहाँ मधुरता और सरसता का वास है । उदार व्यक्ति ही लोकप्रिय और भगवान की कृपा का पात्र बनता है । मुनि श्री ने कहा कि कंजूस व्यक्ति उसे माना जाता है जिसके पास प्रचुर मात्रा में शक्ति और साधन है फिर भी उपयोग और उपभोग के मौके दाएं बाएं झांकता है व्यय नहीं करने के नये नये बहाने खोजता है  और अपनी महानता को झूठे आदर्शों और सिद्धांतों के सहारे प्रकट करता है केवल संग्रह करने की नित नूतन योजना बनाता है । जहाँ सिर्फ संग्रह है वहां खारापन होता है ।
समुद्र इसका ज्वलंत उदाहरण है । नदी का पानी मीठा होता है क्योंकि वह वितरण करती है । कंजूस व्यक्ति बड़ा शोषण कर्ता भी होता है वह येन केन प्रकारेण धन संग्रह के लिए न्याय नीति, धर्म, कानून और मानवता सबकी बलि चढ़ा देता है  ऐसा व्यक्ति न खुद चैन से जीता है और न किसी को चैन से जीते हुए को देख पाता है उसके सारे कृत्य जघन्य और अमानवीय बन जाते हैं । कंजूस के समान पाखंडी और क्रूर व्यक्ति ढूंढने पर भी नहीं मिलता ।जीवन को प्रसन्नता पूर्वक जीने के लिए उदारता के गुण को अपनाना बेहद जरुरी है ।
 इंसान को कुदरत की ओर से जो शक्ति का वरदान मिला है उस शक्ति की सार्थकता सृजन और निर्माण करने में ही निहित है ।इसलिये इंसान को अपने द्वारा रचनात्मक कार्यो के माध्यम से इस दुनियां में मधुर स्मृतियों को छोड़कर कुछ पदचिन्ह बनाकर जीवन के गुणात्मक विकास की राह पर अविलंब अग्रसर होना चाहिए । संघ के अध्यक्ष शांतिलाल चोरडिया ने बताया कि रविवार को मुनि श्री का प्रवचन सवेरे 9.15 बजे से  मैलापुर जैन स्थानक में ही होगा । संघ मंत्री विमलचंद खाबिया ने धर्म सभा का संचालन किया ।

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