श्री सुमतिवल्लभ नोर्थटाउन मूर्तिपूजक जैन संघ में आचार्य श्री देवेंद्रसागरसूरिजी ने प्रवचन के माध्यम से श्रद्धालुओं को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि हमें अपने सपने साकार करने के लिए कड़ी मेहनत और अपने समय का सही उपयोग करने की जरूरत है।
सफलता केवल उन्हें ही मिलती है जो इसके काबिल होते हैं। लोग अपने सपनों को साकार करने के लिए अपने समय का सही इस्तेमाल और कड़ी मेहनत और उसी के अनुसार काम करते हैं। असफलता भी सफलता का ही एक हिस्सा है। हमें अपनी असफलता से निराश होने की जरुरत नहीं है, बल्कि हमें अपनी असफलता से सीखने की जरुरत है। हमने कहां गलतियां की है उसे पहचान कर उसे ठीक करने की जरुरत है। इससे हमने जो गलतियां की है उस गलती को हम सही कर सकते है। सफलता के मायने सबके लिए अलग-अलग होते हैं। किसी के लिए यह एक अच्छी स्थिति तो किसी के लिए अधिक सम्पत्ति या धन प्राप्ति करना है।
मेरे अनुसार वास्तविक सफलता वो चीज है जिसे आप अपने सपने के रूप में देखते हैं और आप उसे पाना चाहते हैं। सफलता आपके लिए अपने लक्ष्य तक पहुंचना है, यही आपको असली खुशी और संतुष्टि देता है। सफलता एक ऐसी चीज है जो हमारे जीवन को सार्थक बनाती है। जीवन में यह सीढ़ी का वह उच्चतम बिंदु है जहां हम सभी पहुंचना चाहते है। हम सभी ने सांप सीढ़ी का खेल अवश्य ही खेला होगा इस खेल में कई बार हमें साँप काट लेते है, नहीं तो हम आसानी से अपने लक्ष्य तक पहुंच जाते। ठीक इसी प्रकार हमारी सफलता की कहानी है। सफलता की उच्चतम सीढ़ी तक पहुंचने के लिए हर कदम चुनौतियों से भरी होती है।
हमें अपने जीवन में सफल होने के लिए इन सभी चुनौतियों का सामना करने और इन चुनौतियों से पार पाने के लिए हमेशा तैयार रहना चाहिए। हमेशा से ही ऐसा कहा जाता है कि हमें जीवन में कुछ पाने के लिए कुछ त्याग भी करना पड़ता है। यह बात सफलता प्राप्त करने में बिल्कुल सही सिद्ध होती है। हमें अपने जीवन में सफलता की प्राप्ति के लिए जीवन में अपनी आलसी व्यवहार और जीवन की सारी विलासिता को त्यागने की जरुरत है। एक बार जब जीवन में सफलता को प्राप्त कर लेते हैं तो आप खुद में इसका परिणाम आपके अंदर खुशी और एक अलग प्रकार की अनुभूति के रूप में देखते है।