Sagevaani.com @चैन्नई। जीवन तो रेन बसेरा है कोई भी जीव इस संसार में अमर नहीं है। सोमवार साहुकार पेट में महासती धर्मप्रभा ने धर्म आराधना करने वाले श्रोताओं को सम्बोधित करते हुए कहा कि मनुष्य का शरीर संसार मे किराऐ के मकान की तरह है न जाने कब ऊपर वालें का मौत का बुलावा आ जाए और इस काया रूपी शरीर को छोड़कर संसार से जाना पड़ जाऐ।
इस सच्चाई को मनुष्य जितना शीघ्र स्वीकार लेता है और संसार की वस्तुओं का त्याग कर देता है तो उसके जीवन मे कभी भी दुःख नहीं आने वाले है क्योंकि वह जानता है कि इस संसार मे कोई भी जीव अमर नहीं है और विधाता के इस लेख को कौई भी मानव बदल नहीं पाया और नाही कौई अब बदल सकता है।मानव योनी के द्वारा ही आत्मा को संसार से मुक्ति मिल सकती है।
लेकिन मनुष्य मोह और महत्वाकांक्षाओं की पूर्ति के लिए इस क्षणभंगुर शरीर को भौतिक सुख देने वाला इंसान संसार सागर से अपनी आत्मा को सदगिती नहीं दिलवा पाएगा। मनुष्य कि इच्छाऐ और कामनाएं ही जीवन मे दुःख.देती है और आत्मा को संसार मे भटकाती है। मोह का दामन छोड़ने पर ही मनुष्य जीवन मे सुख प्राप्त कर सकता है। साहुकार पेट श्री एस. एस.जैन संघ के कार्याध्यक्ष महावीरचन्द सिसोदिया ने बताया धर्मसभा मे महाराष्ट्र,राजस्थान आदि क्षैत्रों के अलावा उपनगरों से पधारें अतिथियों और तपस्यार्थीयो का श्रीसंघ के मंत्री सज्जनराज सुराणा, माणकचन्द खाबिया, सुरेश डूगरवाल, महावीर चन्द कोठारी, शम्भूसिंह कावड़िया, अजित कोठारी आदि सभी ने अतिथियों और तपस्वीयो का स्वागत किया।
प्रवक्ता सुनिल चपलोत
श्री एस.एस. जैन भवन साहुकार पेट चेन्नई