जय जिनेंद्र,कोडमबाक्कम् वड़पलनी श्री जैन संघ के प्रांगण में आज तारीख 6 अगस्त गुरुवार, परम पूज्य सुधाकवर जी मसा के मुखारविंद से:-मंगलमय परमात्मा की मंगल वाणी का 29 वा अध्ययन सम्यक पराक्रम! 6 आवश्यक में सामायिक आवश्यक पर चर्चा करते हुए साध्वी जी ने बताया की सामायिक हमें आत्मा से महात्मा और महात्मा से परमात्मा बनाने का सामर्थ्य रखती है। सामायिक जीवन जीने की कला सिखाती है। सामायिक समभाव की साधना है। सामायिक महा मूल्यवान है प्रतिदिन 1 लाख स्वर्ण मुद्राओं का दान करने वाला एक शुद्ध सामायिक करने वाले की समानता नहीं कर सकता।
सुयशा श्रीजी के मुखारविंद से:-हमें पुण्यों से बहुत ही खूबसूरत रिश्ते मिले हैं तो हमें उनका ख्याल रखना चाहिए। लेकिन हमारे आधे से ज्यादा रिश्ते हमारी वाणी की वजह से खराब हो जाते हैं। हम सब चाहते हैं कि हमारे परिवार के सभी सदस्यों का भला हो, हमारे परिवार के सभी सदस्य सुखी रहे परंतु ऐसा करने के प्रयास में हम खुद ही उन सब के दुश्मन बन बैठते हैं। क्योंकि हम चाहते तो भला है परंतु हमारी वाणी उसे खराब कर देती है। हम अच्छी बात है कह रहे होते हैं लेकिन जिस तरीके से वह कहीं जाती है उसे सामने वाला नाराज हो जाता है। इसलिए जैसे हम पानी को छानकर पीते हैं वैसे वाणी को भी छानकर प्रयोग करें क्योंकि हमारी खराब वाणी अच्छे खासे खूबसूरत रिश्तो को बिगाड़ देती है। आज की धर्म सभा में श्रीमती सुशीला जी बाफना ने 26 उपवास, एव मनीषा जी लूंकड ने 21 उपवास के प्रत्याख्यान किए। इसी के साथ कई धर्म प्रेमी बंधुओं ने विविध तपस्याओं के प्रत्याख्यान ग्रहण किए। आने वाली 9 अगस्त को श्रमण सूर्य मरुधर केसरी परम पूज्य गुरुदेव श्री मिश्रीमल जी महाराज साहब एवं शेरे राजस्थान पूज्य प्रवर्तक गुरुदेव श्री रूप चंद जी महाराज सा की जन्म जयंती के उपलक्ष में महा मंगलकारी उवसग्गहरं स्तोत्र का सजोड़े जाप का आयोजन किया गया है।
Rajesh Bafna
सभी साधु साध्वी को मेरा नमन वंदन 🙏