चेन्नई. साहुकारपेट जैन भवन में विराजित उपप्रवर्तक गौतममुनि ने गुरु पूर्णिमा के अवसर पर सभी को जीवन में लक्ष्य बना कर चलने को कहा। उन्होंने कहा जीवन को अच्छे मार्ग पर पहुंचाने के लिए रोज प्रवचन सुनने का लक्ष्य बनाना चाहिए।
ऐसा करने पर मिला हुआ मानव जीवन सफल और सार्थक हो जाएगा। आगे बढऩे के लिए नियम बनाना बहुत ही जरूरी होता है। संतों का समागम हमें जीवन में बदलाव लाने का अवसर प्रदान करता है। इस लिए जीवन में बदलाव के लिए प्रतिदिन खुद प्रवचन में आने के साथ दूसरों को भी यही शिक्षा प्रदान करनी चाहिए। ऐसा करने पर जीवन परिवर्तन संभव है।
जीवन को सफल बनाने के लिए पुरुषार्थ करना बहुत ही जरुरी होता है, इससे मन हल्का होता है। जीवन के बोझ को हल्का करने वाला व्यक्ति ही ऊंचाई पर जा पाता है। साधना के मार्ग पर आकर व्यक्ति अपने मान, माया, क्रोध और लोभ को खत्म कर जीवन को सफल बना सकता है।
सागरमुनि ने कहा गुरु पूर्णिमा का दिन गुरु चरणों में समर्पित होने के लिए आता है।
इस मौके पर हम सब को गुरु के चरणों में पूर्ण रूप से नम जाने की कोशिश करनी चाहिए। ऐसा करने वाले मनुष्य का जीवन सार्थक बन जाता है। सच्चे मन से गुरु उसी व्यक्ति को मिलते है जो उनके चरणों में खुद को समर्पित करते हैं। जीवन में जब तक ज्ञान नहीं होगा तब तक आगे का मार्ग नहीं मिलेगा। जब ज्ञान आएगा तब मार्ग भी खुलता चला जाएगा।
गुरु के चरणों में जाएं क्योंकि वे स्वार्थी नहीं परमार्थी होते हैं। जो गुरु भगवंतों के चरणों में जाएगा वे अपने जीवन को सिद्ध कर लेगा। गुरु पूर्णिमा हमे खुद को गुरु चरणों में पूर्ण रूप से नम जाने का संदेश देता है। विनयमुनि ने मंगलपाठ सुनाया।