चेन्नई. न्यू वाशरमैनपेट जैन स्थानक में विराजित साध्वी साक्षीज्योति ने कहा अपने जीवन में कोई भी लक्ष्य प्राप्त करने के लिए व्यक्ति को मुसीबतों का सामना करना पड़ता है। इसके बिना लक्ष्य प्राप्ति न तो संभव है न ही सुलभ। संसार एक परीक्षा केन्द्र है। यहां परीक्षा देकर ही व्यक्ति पास या फेल हो सकता है।
बिना परीक्षा दिए यह निर्णय कैसे लिया जा सकता है कि वह पास होगा या फेल। जीवन एक चुनौती है, चुनौती को पूर्ण करने के लिए मुसीबतें तो आएंगी ही, हमें इनका सामना करना ही पड़ेगा। जो बिना डरे एवं घबराए इनका सामना करने में डंट जाते हैं वे अपनी शक्तियां बढ़ा लेते हैं।
साध्वी ने भगवान महावीर के बारे में बताते हुए कहा कि कैसे भगवान महावी अनार्य देश की ओर आगे बढ़े लेकिन वहां उनको बहुत कष्ट झेलने पड़े। गांव के लोग पत्थर-डंडों से मारते, उनके शरीर को नोचते और उन पर मिट्टी डाल देते तथा विहार के दौरान कुत्ते पीछे लगा देते। कुत्ते काटते तो लोग खुश होते।
इतने कष्ट झेले भगवान महावीर ने लेकिन किसी से कोई शिकायत नहीं की। वे तो केवल एक ही बात सोचते कि ये सब मेरे उपकारी हैं और मेरे कर्मों को तोडऩे में मदद कर रहे हैं। भगवान महावीर के ऐसी जगह पर जाने का उद्देश्य कर्मनिर्जरा था।
जब भी जीवन संघर्षमय लगे तब हमें उन महापुरुषों का स्मरण कर लेना चाहिए जिनके जीवन में कष्टों का अम्बार लगा हो जिनको वे मुस्कराकर पार कर गए हों।
ऐसी ताकत एवं बल हमारे अंदर आ जाए तो हमारा जीवन भी उज्ज्वल हो सकता है। स्थानक में जारी 29 दिवसीय पुच्छिसुंग संपुट जाप में बड़ी संख्या में श्रद्धालु हिस्सा ले रहे हैं। जाप में अध्यक्ष ज्ञानचंद संचेती, गौतमचंद मेहता, ललितकुमार मकाना एवं सज्जनराज-महेंद्रकुमार छोरलिया सहयोग कर रहे हैं।