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जीवन को आनन्द का मानसरोवर बनाएं – साध्वी अणिमाश्री

जीवन को आनन्द का मानसरोवर बनाएं – साध्वी अणिमाश्री

दो सौ अठारह शिविर साधकों के कृतज्ञता के स्वर

साध्वी श्री अणिमाश्रीजी के सान्निध्य में पर्युषण महापर्व के पावन अवसर पर आयोजित पर्युषण – साधना शिविर में संभागी दो सौ अठारह साधकों द्वारा कृतज्ञता स्वर कार्यक्रम आयोजित हुआ। इसी के साथ श्रीमती प्रेम देवी तातेड़ एवं श्रीमती रेशमादेवी बुबकिया के ग्यारह का एवं सुश्री गुंजन के नौ की तपस्या का प्रत्याख्यान हुआ। सभी तपस्वियों का सभा की ओर से अभिनंदन किया गया।

साध्वी श्री अणिमाश्रीजी ने अपने प्रेरणादायी उद्बोधन में कहा – अपने जीवन को आनंद का मानसरोवर बनाया जा सकता है, जिसमें भावना रूपी राजहंस निर्मल जल में डुबकी लगाकर सत् चित्त आनन्द रुप बन जाते हैं। चित्त को निर्मल एवं पावन बनाने के लिए साधना आवश्यक है। साधना का फलित यह है कि हमारी सोच सकारात्मक हो। अपनी विचारधारा किसी भी परिस्थिति एवं प्रसंग पर विधेयात्मक ही बनी रहे, यह प्रयास अपेक्षित हैं। प्रत्येक स्थिति, परिस्थिति एवं घटनाप्रसंग को सकारात्मक दृष्टि से देखने से ही जीवन में उल्लास एवं आनंद के शतदल खिल सकते हैं।

साध्वी श्री ने कहा- पर्युषण साधना शिविर में उन आठ दिन तक आपने साधना की है। साधना का स्वाद चखा है। समता का जीवन जीया है। आठ दिनों की साधना आपके जीवन का अंग बने।समता व मैत्री के फूलों से खुद की जीवन – बगिया को ही नहीं आसपास के परिवेश को भी सुवासित कर दें। चेन्नई सभा ने शिविर साधना की अनूठी व्यवस्था करके नया इतिहास रचा है। संयोजक राकेश खटेड, संयोजिका हेमलता नाहर, भरत भरलेचा व नीलम आच्छा व प्रशिक्षकों का बेहद सहयोग रहा। इस शिविर के मधुर संस्मरणों की अनुगूंज सर्वत्र सुनाई दे रही है।

साध्वी समत्वयशाजी ने गीत के माध्यम से शिविर साधकों को आगे के करणीय कार्यों की अवगति दी। कार्यक्रम का कुशल संचालन संयोजक राकेश खटेड एवं डॉ. कमलेशजी नाहर ने किया। तप अनुमोदना का संचालन सभा मंत्री श्री गजेन्द्रजी खटेड ने किया। शिविर संयोजिका श्रीमती हेमलता नाहर, सहसंयोजक श्री भरत भरलेचा, श्री माणकचन्दजी रांका, श्री सुरेश तातेड, जश कोठारी, दिशा बाफना ने विचार व्यक्त किए। शिविर साधकों के संस्मरण वीडियों के द्वारा बताए गए। सभी ने एक स्वर में साध्वीश्रीजी, व्यवस्थापकों एवं संयोजकों के प्रति कृतज्ञता ज्ञापित की।

श्री राकेश खटेड, रेखा भरलेचा, भरत भरलेचा, हेमलता नाहर, अल्का खटेड, कमलेशजी नाहर ने भावपूर्ण कृतज्ञता-गीत का संगान किया । सभाध्यक्ष श्री प्यारेलाल जी पीतलिया ने कहा-यह शिविर अविस्मरणीय रहेगा। ऐसा शिविर हर पर्युषण में होना चाहिए। उन्होंने सबके प्रति धन्यवाद ज्ञापित किया। सभामंत्री श्री गजेन्द्र खांटेड ने आभार के स्वर में श्री प्रवीण जी सुराणा, राकेश खटेड, भरत मरलेचा, हेमलता नाहर, नीलम आच्छा, सी.पी. छल्लाणी, माणकचन्दजी रांका, हरीश भंडारी, राजश्री डागा, सुबोध सेठिया, महेन्द्र सेठिया, अनिता, बबिता चौपड़ा, विनोद डांगरा, कमलेशजी नाहर, अल्का खटेड, रेखा मरलेचा आदि का आभार व्यक्त किया।

स्वरुप चन्द दाँती
प्रचार प्रसार प्रभारी
श्री जैन श्वेताम्बर तेरापंथी सभा, चेन्नई

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