Sagevaani.com /Chennai: श्री वर्धमान स्थानकवासी जैन श्रावक संघ आमेट के महावीर भवन मे चातुर्मास कर रही साध्वी श्री जयमाला जी मा. सा. के सहयोगी साध्वी विदुषी, साध्वी श्री आनंद प्रभा, आशा ने भक्तगणों को संबोधित करते हुए कहा कि जीवन के लिए भोजन आवश्यक है, बिना भोजन किया मनुष्य का दुर्बल जीवन टिक नहीं सकता । सांसारिक हो चाहे अन्य जीव हो, उसे भोजन करना ही पड़ता है परंतु भोजन करने की एक सीमा है ।
जीवन के लिए भोजन है, ना कि भोजन के लिए जीवन । आज का मानव नियम मर्यादा के बिना भोजन पर मरता है, खाने-पीने के संबंध मे चातुर्मास के सावन भादो के महीने मे नियमों को भुल गया है संत जगाने आए है ।
साध्वी चंदन बालाजी मा. सा. ने फरमाया कि मनुष्य जीवन का जन्म का सुंदर अवसर मिला है इस पल को सत्संग मे प्रभु भक्ति मे निकलना चाहिए । समस्त धर्म में भी रात्रि भोजन त्याग होना चाहिए, रात्रि भोजन मे जीवो की हिंसा होती है!भोजन मे शुद्धता, स्वच्छता, सात्विकता और स्वास्थ्य का ध्यान रखना चाहिए । भोजन हमे स्वाद से नहीं करके प्रभु का प्रसाद मानकर भोजन करना चाहिए । तामसी भोजन तामसी भोजन इंसानों के लिए अनुचित है ।
मीडिया प्रभारी प्रकाश चंद्र बडोला ने बताया कि इस अवसर पर उदय सिंह पवार, सुवालाल कोठारी, नाथूलाल हिंगड़, सुशील सूर्या, दिनेश सरणोत, संघ अध्यक्ष सुरेंद्र सूर्या, संरक्षक धर्मेश कोठारी, वरिष्ठ उपाध्यक्ष भंवरलाल सरणोत, कैलाश जैन, चंदन सिंह राजपूत, चंदनमल बाफना, दिनेश बाबेल, ज्ञानचंद लोढ़ा, ललित डाँगी, सुरेश दक आदि सभी वरिष्ठ श्रावक एवं श्राविका उपस्थित थे । संचालन राकेश हिरण ने किया