श्रीजी वाटिका में सुख-समृद्धि, नवनिधि प्रदायक सिद्ध दिव्य महाकलश एवं दक्षिणावर्ती शंख का वितरण शुरू
इंदौर। यहां फूटी कोठी स्थित श्रीजी वाटिका में विशिष्ट साधना-आराधनार्थ विराजित कृष्णगिरी शक्तिपीठाधीपति राष्ट्रसंत, परमाचार्य डॉ वसंतविजयजी म.सा.की निश्रा में गुरुवार से श्रद्धालुओं को दिव्य महाकलश एवं महा प्रभावशाली दक्षिणावर्ती शंख का वितरण प्रारंभ किया गया।
उल्लेखनीय है कि गत दिनों 28 सितंबर से 8 अक्टूबर तक श्री नवरात्रि दिव्य आराधना भक्ति महामहोत्सव में संतश्री की पावन प्रेरणा से लक्ष्मी दायक विभिन्न रत्नों, धातुओं, औषधियों एवं अनेक वस्तुओं से परिपूर्ण लक्ष्मी सिद्धि-समृद्धि, नवनिधि प्रदायक दिव्य महाकलश एवं दक्षिणावर्ती शंख का कुमकुम अर्चन के साथ के 33 विप्र पंडितों द्वारा 24 घंटे मां लक्ष्मी के बीज मंत्रों से अभिमंत्रित किया गया।
महानवरात्रि के पावन दिनों में हुए इस आयोजन की महिमा भी संतश्री ने बताई साथ ही उन्होंने इस दिव्य महा कलश एवं शंख के दीपावली पर विशेष पूजन की विधि भी बताई।
इस अवसर पर डॉ वसंतविजयजी ने अपने संक्षिप्त संदेश में कहा कि परमात्मा की भक्ति, आराधना, स्तुति श्रद्धालु के जीवन में रिद्धि-सिद्धि सुख-शांति व समृद्धि के साथ-साथ पूर्व उपार्जित कर्मों की निर्जरा भी कराती है। उन्होंने कहा आध्यात्मिक क्षेत्र में बतौर श्रावक-श्राविका उसके जीवन में दान, धर्म, सेवा, परोपकार, त्याग, तपस्या तथा व्रत-नियम की पालना होनी चाहिए।
डॉ वसंतविजयजी ने अनेक उदाहरणों एवं प्रसंगों का उल्लेख करते हुए कहा कि श्रेष्ठ विचारों व सकारात्मक सोच के साथ व्यक्ति को अपने जीवन में लक्ष्य तय करके आगे बढ़ना चाहिए, बगैर लक्ष्य के जीने वाला व्यक्ति इस दुनियावी संसार में भटकता रहता है। संतश्री ने उपस्थित श्रद्धालुओं को अपना दिव्य मांगलिक आशीर्वाद भी प्रदान किया।