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ज्ञान वाणी

जीवन का निर्णायक तत्व है स्वविवेक: कपिल मुनि

जीवन का निर्णायक तत्व है स्वविवेक: कपिल मुनि

चेन्नई. गोपालपुरम स्थित भगवान महावीर वाटिका में विराजित कपिल मुनि कहा भगवान महावीर की अन्तिम देशना हिंसा, आतंक और स्वार्थपूर्ण परिवेश के गहन तिमिर में शांति समता का वातावरण निर्मित करने के लिए आशा की एक किरण है।

जीवन को गौरवप्रद और सफल बनाने के लिए चेतना के दरवाजे पर विवेक का पहरा होना बेहद जरुरी है। जिंदगी की प्रत्येक प्रवृति और गतिविधि विवेक के साथ की जाए तो कर्म बन्ध से बचना आसान हो जाता है। जीवन से जुडी प्रत्येक प्रवृति चलना,फिरना,उठना,बैठना और भोजन-संभाषण करना आदि विवेक युक्त होने चाहिए। स्वविवेक ही जीवन का निर्णायक है। विवेक ही एक ऐसा तत्व है जो अच्छा-बुरा और करणीय-अकरणीय के बीच भेद-रेखा खींचता है। जिस कार्य को उत्साह और उमंग से लबरेज होकर किया जाता है उसका परिणाम भी सकारात्मक और दीर्घजीवी होता है।

 

साधना की प्रत्येक क्रिया व्यक्ति के लिए आनंद की अनुभूति का विषय बनना चाहिए तभी वह लंबे समय तक जीवन का अनिवार्य अंग बन पायेगी। साधना की सिद्धि के लिए या सार्थक परिणाम पाने के लिए उसका नियमित और निरंतरता के साथ अभ्यास जरूरी है। कई जन्मों के कर्मों का नाश एक दिन या कुछ पल में ही नहीं हो जाता। जप तप, सामायिक और स्वाध्याय का क्रम प्रतिदिन चले तो कर्मों के उदय को निष्फल किया जा सकता है।

साध्य की प्राप्ति के लिए साधन की आवश्यकता को नकारा नहीं जा सकता। साधना के लिए हमारा शरीर पहला साधन है। इसका स्वस्थ और तंदुरुस्त होना जरूरी है इसलिए शरीर के साथ ज्यादती करना और इसे बीमारी का घर बना देना मुर्खता के सिवाय कुछ भी नहीं है । अधिकांश बीमारियां आई हुई नहीं बल्कि बुलायी गयी होती है।

 

इसके लिए जिम्मेदार है व्यक्ति के खान- पान और रहन- सहन का गलत ढंग और पाश्चात्य जीवन शैली का अन्धानुकरण। समय रहते ही व्यक्ति को अपनी जीवन शैली को सुधारने की चेष्टा करनी चाहिए अन्यथा बेहद दयनीय हालत में जीने और मरने की मजबूरी का सामना करना पड़ेगा। जिंदगी सस्ती और सहज में मिलने वाली चीज नहीं है इसे पाने के लिये अनंत जन्मों तक पुण्य करना पड़ता है।

ये जीवन संसार की आपाधापी में ही व्यतीत न हो जाये इसलिए प्रत्येक पल को होश पूर्वक जीने में ही इस जीवन की सार्थकता और धन्यता का राज छुपा है। स्वयं के जीवन पथ को आलोकित करने के साथ दूसरों की जिंदगी की राहों को रोशन करना दरअसल जिन्दगी का महत्वपूर्ण कार्यक्रम है। संचालन मंत्री राजकुमार कोठारी ने किया।

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